यूजीसी के नए अधिनियम के तहत शोध के इच्छुक राज्य के अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। इंटरव्यू के लिए उनका इंतजार खत्म होने जा रहा है। विवि ने कैंपस के साथ ही संबद्ध कॉलेजों की सीटों का ब्यौरा भी जुटा लिया है। ऐसे में दिसंबर के प्रथम सप्ताह में साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें कि विवि ने संबद्ध कॉलेजों से रिक्त सीटों का ब्योरा न मिलने की बात कहते हुए केवल कैंपस इंटरव्यू का निर्णय लिया था, लेकिन संबद्ध कॉलेजों के तीखे विरोध के बाद विवि अपना पुराने रुख से पलट गया है। पीएचडी में प्रवेश के लिए साक्षात्कार केवल कैंपस के लिए आयोजित किए जाने का समाचार दैनिक जागरण ने 10 नवंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। विवि का तर्क था कि कॉलेजों ने सीटों का ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया है। इसका विरोध करते हुए कालेजों ने विवि से किसी पत्र के मिलने से इंकार किया और स्थिति जानने के लिए विवि से भी संपर्क किया। अंतत: विवि ने अपने आंकड़ों के अनुसार व विवि से मान्यता प्राप्त गाइड्स की संख्या के आधार पर विषयवार सीटों की सूची बना ली है और दिसंबर प्रथम सप्ताह में साक्षात्कार की तैयारी शुरू कर दी है। बीते वर्ष यूजीसी ने शोध अधिनियम में बदलाव कर देश के तमाम विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा व साक्षात्कार अनिवार्य कर दिया था। ऐसे में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि द्वारा जुलाई में आयोजित प्रवेश परीक्षा में भारी संख्या में परीक्षार्थी शामिल हुए थे। नौ अक्टूबर को विवि ने परिणाम जारी किया, लेकिन साक्षात्कार की स्थिति स्थिति स्पष्ट नहीं की थी। फिलहाल विवि के रवैये से लग रहा है कि दिसंबर में साक्षात्कार की पूरी उम्मीद है(अनिल उपाध्याय,दैनिकजागरण,देहरादून,19.11.2010)।
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