डीएवी कॉलेज में जो न हो वही कम है। गुरुवार को छात्रसंघ ने जो आरोप लगाए, यदि वे सच हैं तो बेहद शर्मनाक और चिंताजनक मामला है। आरोप है कि एक शिक्षक ने एससी-एसटी छात्रों के वजीफे की एक करोड़ की रकम अपने निजी खाते में जमा कर रखी है। ताकि वे इससे ब्याज कमा सकें। प्राचार्य ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए दस्तावेज कब्जे में ले लिये हैं और जांच कराने की बात कही है। गुरुवार को डीएवी कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष अंशुल चावला के साथ छात्रों ने प्राचार्य का घेराव किया। उन्होंने कॉलेज में अनेक अनियमितताओं को शिकायत प्राचार्य से की। उन्होंने कहा कि कॉलेज में शिक्षकों से लेकर तमाम स्टाफ निरंकुश हो चुका है। छात्रवृत्ति के लिए आने वाली राशि को एक शिक्षक अपने निजी खाते में रखते हैं। उस पर मिलने वाले ब्याज की राशि डकार जाते हैं। यहीं नहीं उक्त शिक्षक छात्रवृत्ति से संबंधित तमाम मूल दस्तावेज भी अपने घर रखते हैं। इस आरोप के बाद प्राचार्य, छात्रसंघ अध्यक्ष अंशुल चावला व पूर्व महासचिव अनिल तोमर दस्तावेजों की स्थिति जानने के लिए उक्त शिक्षक के कक्ष में पहुंचे। करीब एक घंटे की बंद कमरे की चर्चा के बाद प्राचार्य डॉ. बीएल नौटियाल ने बताया कि उक्त शिक्षक से छात्रवृत्ति संबंधी सभी दस्तावेज उन्होंने ले लिए हैं और छात्रवृत्ति के खातों की संख्या ले ली गई है। शुक्रवार को इन खातों की जांच कराई जाएगी कि ये किसके नाम हैं। उसके बाद ही कुछ कहना संभव होगा(दैनिक जागरण,देहरादून,19.11.2010)।
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