दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मतदाता पहचान पत्र बनवाने की अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय सूचना आयोग ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को निर्देश जारी किया है कि वे 18 वर्ष के सभी स्कूली बच्चों के नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने की कवायद करें। इस प्रकार अब छात्रों का नाम बगैर किसी परेशानी के मतदाता सूची में जुड़ जाएगा।
इस निर्देश को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी के लिए महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। दरअसल अब तक 18 वर्ष व इससे ऊपर के लोगों का नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए कर्मचारी घर-घर जाते थे। इस दौरान बाहर गए लोगों अथवा अन्य कारणों से कई लोगों का नाम सूची में दर्ज नहीं हो पाता था। बाद में वे कार्यालय का चक्कर काटते थे। तब भी उन्हें निराशा ही हाथ लगती। लेकिन केंद्रीय सूचना आयोग ने इस दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है।
आयोग ने 19 नवंबर को जारी किए निर्देश में कहा है कि दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्थित सरकारी स्कूलों के उन छात्रों का नाम मतदाता सूची में दर्ज किया जाए जो एक जनवरी 2011 को 18 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के हो चुके हैं। इस कार्य के लिए स्कूल के प्रधानाचार्यो को मुख्य रुप से जिम्मेवार बनाया गया है(दैनिक जागरण,दिल्ली,21.11.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।