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04 नवंबर 2010

भोज मुक्त विश्वविद्यालयःकुलपति ने परीक्षा के पहले ही खोल दिए पेपर

कुलपति और अधिकारियों द्वारा परीक्षा के पहले ही पेपर खोल देने पर मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में बुधवार को जमकर हंगामा हो गया। मौके पर खुला लिफाफा मिलते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता उग्र हो गए। नाराज कार्यकर्ताओं ने विवि में तोड़फोड़ कर डाली। बाद में पुलिस ने खुले हुए लिफाफा सहित गोपनीय शाखा का रिकार्ड सील कर दिया है। जानकारी के अनुसार एमएससी और बीबीए का यह पेपर आठ नवंबर को होना है। विवि ने यह पेपर प्रदेश भर में भेज भी दिए हैं। हर जिले में यह पेपर पूरी गोपनीयता के साथ थानों में रखे गए हैं, मगर विश्वविद्यालय में इस पेपर का एक पैकेट परीक्षा के पहले ही खोल दिया गया है। पेपर का खुला खुलाया पेपर विवि में ही रख लिया गया है। इसकी भनक मिलते ही परिषद के कार्यकर्ता दोपहर करीब एक बजे विवि पहुंच गए। नारेबाजी करते हुए उन्होंने पेपर आउट होने के आरोप लगाए। काफी देर प्रदर्शन के बाद कुलपति प्रो.एसके सिंह ने परिषद कार्यकर्ताओं से चर्चा में स्वीकार किया कि उन्होंने रजिस्ट्रार, डायरेक्टर परीक्षा तथा डिप्टी रजिस्ट्रार की मौजूदगी में कल ही पेपर का पैकेट खोला है। मगर वे इसमें किसी तरह की अनियमितता अथवा पेपर आउट होने की बात मानने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि हमने एक गलती रोकने के लिए पेपर खोला है। जांच ऐसे ही की जाती है। यह विवि का अंदरूनी मामला है। ऐसा किया जा सकता है। इससे परिषद कार्यकर्ता नाराज हो गए और नारेबाजी करते हुए गोपनीय कक्ष में पहुंच गए। इससे परीक्षा शाखा में अफरातफरी मच गई। नाराज कार्यकर्ताओं ने कांच का एक गेट फोड़ डाला। वहीं अफरातफरी के बीच एक टेबल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। यहां मौजूद डिप्टी डायरेक्टर डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव से उनकी खासी तकरार भी हुई। इस बीच सारा स्टाफ अपनी सीट छोड़कर बाहर निकल आया। तीन घंटे तक चला विवाद तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही कुलपति भी परीक्षा कक्ष में पहुंच गए। मगर तब तक सारे कार्यकर्ता कुलपति कक्ष में पहुंच चुके थे। प्रदर्शनकारी कुलपति कक्ष के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इसी बीच पुलिस बल भी आ गया। पुलिस की मौजूदगी में कुलपति और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर वाद-विवाद चलता रहा। छात्रों ने न केवल कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। बल्कि परीक्षा शाखा की डायरेक्टर डॉ. आभा स्वरूप पर 25-25 हजार रुपए में पेपर बेचने के आरोप भी लगाए। कुलपति ने इसका मौके पर ही खंडन किया। कुलपति का कहना था कि पेपर आउट नहीं हुआ है। छात्र बिना किसी प्रमाण दिए अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं। पुलिस ने सील किया रिकार्ड काफी देर विवाद के बाद पुलिस ने छात्रनेताओं और कुलपति की मौजूदगी में पेपर का खुला हुआ पेपर सील कर दिया। इस लिफाफे की सील भी टूटी हुई थी। इसके साथ ही पूरा गोपनीय कक्ष भी पुलिस ने सील कर दिया है। छात्रों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। किस नियम के तहत विवि प्रशासन ने पेपर खोला है। यह सीधे तौर पर अनियमितता का मामला है। स्ट्रांग रूम में भी सेंध गोपनीय शाखा के कमरे को सील करने पहुंची और छात्र विवि का स्ट्रांग रूम देखकर भौंचक्के रह गए। इस स्ट्रांग रूम में बाहर से तो सील लगी थी। इस पर अधिकारी ने 23 अक्टूबर की तिथि में हस्ताक्षर भी किए थे, लेकिन इसका पिछला दरवाजा खुला था, जिसकी एंट्री बगल वाले कमरे से थी। इसे लेकर भी काफी देर तक विवाद होता रहा। बाद में दोनों ओर से इसे सील किया गया। वीसी ने लगाए आरोप, रजिस्ट्रार ने ठुकराए इस पेपर कांड ने कुलपति और रजिस्ट्रार के बीच चल रहे अंदरूनी विवाद को भी उजागर कर दिया। मामला उजागर होते ही कुलपति ने मीडिया के सामने इसे उनके खिलाफ षडयंत्र बताया। कुलपति ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि यह लिफाफा रजिस्ट्रार व दो अन्य अधिकारियों के सामने खोला गया था। मगर रजिस्ट्रार ने बाहर जाकर बता दिया। कुलपति ने कहाकि वे भ्रष्टाचार रोकने का प्रयास कर रहे थे। इसलिए उनके खिलाफ यह षडयंत्र किया गया है। जबकि रजिस्ट्रार डॉ. विजय सिंह ने मौके पर ही कुलपति की सारी बातों का खंडन कर दिया। उन्होंने बताया कि अव्वल तो लिफाफा मेरी मौजूदगी में नहीं खोला गया। जब में गया तो लिफाफे पर टेप चिपकाया जा रहा था। कुलपति बेवजह मेरा नाम उछाल रहे हैं। मैं तो दो माह पहले ही यहां आया हूं, किसी को मैं जानता भी नहीं हूं। यदि कुलपति मेरे द्वारा एक रुपए के भ्रष्टाचार का मामला भी साबित कर दें तो मैं खुद विवि छोड़ दूंगा। मंत्री ने दिए जांच के आदेश परिषद के इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी ज्ञापन सौंपा। श्री शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। जांच की जिम्मेदारी आयुक्त उच्च शिक्षा को सौंपी गई है। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि आयुक्त द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी(दैनिक जागरण,भोपाल,4.11.2010)।

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