सरकार ने पंचायत समिति स्तर पर कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए स्थाई प्रशासन समिति को दिए गए अघिकारों को सीमित कर जनप्रतिनिघियों के हाथ बांध दिए हैं। अब वे मनमर्जी से कार्मिकों का स्थानांतरण नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा दो साल से पहले किसी कार्मिक को अकारण स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा।
स्थानांतरण करना आवश्यक होने पर मुख्यालय से अनुमति लेनी होगी। स्थानांतरणों पर प्रतिबंध के समय पंचायत समितियों की प्रशासनिक स्थाई समिति की सहमति पर भी विकास अघिकारी स्थानांतरण नहीं कर सकेंगे।
अधिकृत सूत्रों ने बताया कि पंचायतीराज विभाग के आदेशों के विपरीत भी स्थानांतरण नहीं किए जा सकेंगे। यानी कि विभाग की ओर से किसी कर्मचारी का स्थानांतरण करने पर विकास अघिकारी उनका दुबारा स्थानांतरण नहीं कर सकेंगे। विभाग की नीतियों का अतिक्रमण करके स्थानांतरण करने पर संबंघित विकास अघिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गत दो अक्टूबर को पंचायतीराज संस्थाओं को नए विभाग सौंपने के साथ ही पंचायत समितियों की प्रशासनिक समिति की सहमति पर विकास अधिकारियों को स्थानांतरण करने की शक्ति प्रदान की थी। इसमें संशोधन करते हुए फिर नया आदेश जारी किया है(राजस्थान पत्रिका,कोटा,4.11.2010)।
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