युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिले तो वह अपनी क्षमताओं से कहीं ज्यादा उम्दा प्रदर्शन करके दिखाती है। भारत की बात हो तो योग्य युवाओं की यहां भरमार है, लेकिन आज भी देश में आर्थिक असमानता की मार के चलते ऐसे युवाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यही कारण है कि युवा विदेश का रुख कर रहे हैं। विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में ऐसे ही प्रतिभासम्पन्न युवाओं का लाभ उठाने के उद्देश्य से रामानुजम फैलोशिप की शुरुआत की गई है।
इस फैलोशिप के माध्यम से विशेषज्ञता प्राप्त वैज्ञानिकों व इंजीनियरों को देश के लिए काम करने का अवसर देने और भारत छोड़ विदेशों में जा बसे विशेषज्ञों को भारत लाने का भी प्रयास किया जाता है। इस फैलोशिप के तहत आने वाले विशेषज्ञ देश के किसी भी इंस्टीटय़ूट व यूनिवर्सिटी के लिए रिसर्च वर्क कर सकते हैं और इसके लिए वह रिसर्च ग्रांट के भी हकदार होते हैं।
सामान्य योग्यता
इस सहायता को हासिल करने के लिए निर्धारित योग्यता की बात करें तो यह अच्छे वैज्ञानिकों व इंजीनियरों को प्रदान की जाती है। शैक्षणिक योग्यता पीएचडी इन साइंस, इंजीनियरिंग, मास्टर इन इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी/एमडी इन मेडिसिन होना जरूरी है। इसके अलावा प्रोफेसरी अनुभव को भी फैलोशिप के दौरान महत्त्व दिया जाता है।
आयु सीमा
निर्धारित आयु सीमा साठ से कम है। अगर आप इस आयुसीमा के नीचे हैं तो आप फैलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।
फैलोशिप की अवधि
यह फैलोशिप चुने गए आवेदकों को पांच साल के लिए प्रदान की जाती है।
मिलने वाली सहायताफैलोशिप के तहत हर महीने 75 हजार रुपए मिलते हैं। इसके अलावा हर फैलो को पांच लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता कॉन्फ्रेंस व अन्य खर्चो के लिए दी जाती है।
चयन का आधार
फैलोशिप पाने के लिए इंजीनियर व साइंटिस्ट को किसी रिसर्च संस्थान की मंजूरी लेकर आवेदन करना होता है। यदि आपका किसी संस्थान से कोई संबंध नहीं है तो व्यक्तिगत तौर पर भी अपनी रिसर्च के आधार पर किसी संस्थान को आप अपना नाम फैलोशिप के लिए भेजने के लिए तैयार कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करेंडॉ. एस.एस कोहली, साइंटिस्ट एफ, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेकनोलॉजी, टेक्नोलॉजी भवन, न्यू महरौली रोड, नई दिल्ली-110016
वेबसाइट- www.serc-dst.org
www.dst.gov.in
(अनामिका चौहान,हिंदुस्तान,दिल्ली,23.11.2010)
इस फैलोशिप के माध्यम से विशेषज्ञता प्राप्त वैज्ञानिकों व इंजीनियरों को देश के लिए काम करने का अवसर देने और भारत छोड़ विदेशों में जा बसे विशेषज्ञों को भारत लाने का भी प्रयास किया जाता है। इस फैलोशिप के तहत आने वाले विशेषज्ञ देश के किसी भी इंस्टीटय़ूट व यूनिवर्सिटी के लिए रिसर्च वर्क कर सकते हैं और इसके लिए वह रिसर्च ग्रांट के भी हकदार होते हैं।
सामान्य योग्यता
इस सहायता को हासिल करने के लिए निर्धारित योग्यता की बात करें तो यह अच्छे वैज्ञानिकों व इंजीनियरों को प्रदान की जाती है। शैक्षणिक योग्यता पीएचडी इन साइंस, इंजीनियरिंग, मास्टर इन इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी/एमडी इन मेडिसिन होना जरूरी है। इसके अलावा प्रोफेसरी अनुभव को भी फैलोशिप के दौरान महत्त्व दिया जाता है।
आयु सीमा
निर्धारित आयु सीमा साठ से कम है। अगर आप इस आयुसीमा के नीचे हैं तो आप फैलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।
फैलोशिप की अवधि
यह फैलोशिप चुने गए आवेदकों को पांच साल के लिए प्रदान की जाती है।
मिलने वाली सहायताफैलोशिप के तहत हर महीने 75 हजार रुपए मिलते हैं। इसके अलावा हर फैलो को पांच लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता कॉन्फ्रेंस व अन्य खर्चो के लिए दी जाती है।
चयन का आधार
फैलोशिप पाने के लिए इंजीनियर व साइंटिस्ट को किसी रिसर्च संस्थान की मंजूरी लेकर आवेदन करना होता है। यदि आपका किसी संस्थान से कोई संबंध नहीं है तो व्यक्तिगत तौर पर भी अपनी रिसर्च के आधार पर किसी संस्थान को आप अपना नाम फैलोशिप के लिए भेजने के लिए तैयार कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करेंडॉ. एस.एस कोहली, साइंटिस्ट एफ, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेकनोलॉजी, टेक्नोलॉजी भवन, न्यू महरौली रोड, नई दिल्ली-110016
वेबसाइट- www.serc-dst.org
www.dst.gov.in
(अनामिका चौहान,हिंदुस्तान,दिल्ली,23.11.2010)
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