झारखंड में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा अर्थात टेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। केंद्र सरकार ने टेट से कोई समझौता नहीं करने के निर्णय से राज्य सरकार को अवगत करा दिया है। वह प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में अन्य छूट देने को राजी है। दिल्ली ने राज्य सरकार से पूरा विवरण देते हुए पूछा है कि प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी के कारण नियुक्ति में इसे कितने समय तक छूट चाहिए। राज्य सरकार ने प्रशिक्षित शिक्षकों की भारी कमी का हवाला देते हुए प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में छूट की मांग की थी। शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त को एक प्रावधान बना कक्षा एक से पांच तथा छह से आठ के लिए शिक्षक नियुक्ति हेतु अलग-अलग योग्यता निर्धारित की थी। इसके तहत कक्षा एक से पांच के शिक्षक के लिए प्रशिक्षित होने के अलावा इंटर (बारहवीं) में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया। कक्षा छह से आठ के शिक्षक के लिए शिक्षा शास्त्र में द्विवर्षीय डिप्लोमा के साथ स्नातक होना अनिवार्य किया गया। इस रेगुलेशन में राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य हो गया है। इससे राज्य सरकार के माथे पर बल पड़ गए, क्योंकि योग्य प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी के कारण यहां दो बार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पद खाली रह गए थे। राज्य सरकार बीएड प्रशिक्षितों की सीधी बहाली करना चाहती है। इसके लिए भी केंद्र से परीक्षा में छूट लेने की बाध्यता हो गई है(दैनिक जागरण,रांची,21.11.2010)।
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