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12 नवंबर 2010

दिल्लीःनर्सरी दाखिला देर से शुरू होने के आसार

दिल्ली में अमूमन 15 दिसंबर से शुरू होने वाली नर्सरी दाखिला प्रक्रिया इस बार देरी से शुरू हो सकती है। शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने स्पष्ट किया है कि दाखिला प्रक्रिया निर्धारित तिथि तक शुरू होना जरूरी नहीं है। यह 25 दिसंबर तक भी शुरू हो सकता है। नया सत्र अप्रैल में शुरू होता है, लिहाजा प्रक्रिया देरी से भी शुरू होती है तो किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी। समय से पहले प्रक्रिया शुरू करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।
नर्सरी दाखिले को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि गाइड लाइंस में देरी का कारण आरटीई एक्ट (मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून) बन रहा है। उन्होंने कहा कि एक्ट को लेकर सरकार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कुछ स्पष्टीकरण चाहिए, ताकि स्कूलों को भी किसी प्रकार का संशय न रहे। एक्ट को लेकर कुछ नियमों पर स्पष्टीकरण मांगा गया था, ताकि जो भी गाइड लाइंस बने, वह छात्रों के हित में हो। उन्होंने 15 दिसंबर से पहले दिशा-निर्देश जारी करने की आशा जताई। वैसे गाइड लाइंस में किसी प्रकार के बदलाव की उम्मीद नहीं है, लेकिन बदलाव करने भी पड़े तो इसकी जानकारी स्कूलों को सर्कुलर के माध्यम से दे दी जाएगी।

नियम तय करने में परेशानी
नर्सरी दाखिले में आरटीई एक्ट के मद्देनजर कुछ नियमों को तय करने में परेशानी आ रही है। सूत्रों की मानें तो नर्सरी दाखिले के लिए उम्र का पैमाना व आर्थिक पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित 25 फीसदी कोटा समस्या बन रहा है। पहले से गरीब बच्चों के लिए 15 फीसदी कोटे का निर्धारण किया गया है। ऐसे में एक्ट में दिए गए आर्थिक पिछड़े वर्ग के 25 फीसदी कोटे को भी लागू किया जाता है तो कोटा 40 फीसदी हो जाएगा। इसे स्कूल किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं हैं। अब सरकार को स्पष्टीकरण चाहिए कि कुल 40 फीसदी कोटा देना है या केवल 25 फीसदी। शिक्षा मंत्री की ओर से पब्लिक स्कूलों को भी स्पष्ट कर दिया गया है कि वह बिना सरकार की हरी झंडी के दाखिला प्रक्रिया शुरू न करें। इसके लिए क्षेत्रीय उपशिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों पर नजर रखें और नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करें(अमर उजाला,दिल्ली,12.11.2010)।


दैनिक जागरण की रिपोर्टः
नर्सरी दाखिले के लिए आने वाली नई गाइडलाइन को लेकर स्कूल व अभिभावकों के बीच संदेह बरकरार है। शिक्षामंत्री के अनुसार, दस दिनों के अंदर गाइडलाइन जारी की जाएगी। लेकिन स्कूल संघ इसे मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि स्कूल मैनेजमेंट छात्रों को 25 प्रतिशत आरक्षण देने की स्थिति में नहीं है। वहीं राजनीतिक फायदे के लिए इस नियम का प्रयोग की आशंका बढ़ जाती है। वहीं अभिभावक अपने तीन वर्ष के बच्चों का स्कूलों में दाखिला करा चुके हैं। अगर नई गाइडलाइन में चार वर्ष के बच्चों को दाखिले देने की बात आती है तो इस उम्र के बच्चे कहा से आएंगे। ज्ञात हो कि नर्सरी में दाखिले के लिए पिछले वर्ष तक अक्टूबर-नवंबर में प्रक्रिया शुरू हो जाती थी। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए शिक्षा के अधिकार के तहत दाखिले के लिए नई गाइडलाइन बनाई जा रही है। इसमें दाखिले की उम्र को तीन से बढ़ाकर कम से कम चार साल करने और निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण करने की बात चल रही है। दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि नई गाइड लाइन दस दिनों के अंदर आ जाएगी। वहीं जानकारों का मानना है कि इस प्रक्रिया में काफी वक्त लग सकता है। नियम बनने के बाद इस मुद्दे पर उपराज्यपाल की संस्तुति तथा नोटिफिकेशन में काफी वक्त लगेगा। पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन दिल्ली के अध्यक्ष आरसी जैन के मुताबिक, अब तक डीडीए की जमीन पर बने स्कूल 15 प्रतिशत गरीब बच्चों को निशुल्क दाखिला देते थे। लेकिन नई गाइडलाइन के बाद निजी जमीन पर चलने वाले स्कूलों को भी 25 प्रतिशत छात्रों को नि:शुल्क प्रवेश देना होगा। ऐसे में शिक्षा का स्तर गिरेगा या संचालकों को स्कूल बंद करना पड़ेगा।

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