ग्रामीण क्षेत्रों में ऑफ लाइन बिलिंग (मैनुअल प्रणाली) के कारण राजस्व घोटाला करने वालों की खैर नहीं है। बिलों में बकाया रफा दफा करने और बिजली कनेक्शन के विच्छेदन (पीडी) के नाम पर हुए घोटालों की जांच विजलेंस करेगी। शनिवार को पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नवनीत सहगल ने इसके आदेश दिए। विजिलेंस एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। लेसा के विद्युत वितरण मंडल चतुर्थ के अंतर्गत आने वाले सेस द्वितीय वितरण खंड में राजस्व घोटाला पिछले दिनों प्रकाश में आया था। प्रारंभिक जांच में यहां 84 बिलों में करीब 19 लाख रुपये का गबन प्रकाश में आया था। इसके बाद पावर कार्पोरेशन के निदेशक (वित्त) ने विजिलेंस जांच की संस्तुति की थी। सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व में घोटाला काफी लंबे समय से चल रहा है। डेढ़ दशक में यहां पर कई बार राजस्व अनियमितता व घोटाले प्रकाश में आए। घोटाले के मामलों में सेस प्रथम वितरण खंड के सात लोगों को जेल भी जाना पड़ा। जेल से वापस आने पर इन लोगों को दोबारा राजस्व संबंधी कार्य में ही लगा दिया गया। कई कर्मचारी तो ऐसे थे जो अभियंताओं का संरक्षण मिला होने के कारण दोनों वितरण खंडों सेस प्रथम व सेस द्वितीय में राजस्व कार्य देख रहे थे। प्रकाश में आने के बाद ही कुछ अभियंताओं ने अपने रसूख व पहुंच के जरिए इसे दबाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। गबन के आरोपित ऐसे कई अभियंता अब ज्यादा महत्वपूर्ण कुर्सियों पर जमे हैं। वहीं इनकी शह पर दागी कर्मचारी राजस्व में सेंधमारी करते रहे(दैनिक जागरण,लखनऊ,२८.११.२०१०)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।