जेएनयू में भूख हड़ताल पर बैठ पर्सियन लैंग्वेज के छात्रों में से एक की शनिवार को तबीयत खराब हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डाक्टरों ने कमजोरी के कारण छात्र के बेहोश हो जाने की बात कही। इन छात्रों का आरोप है कि पर्सियन भाषा के एक एसोसिएट प्रोफेसर जानबूझ कर उन्हें फेल किया है। वे दोबारा अपनी कापी की जांच कराने की मांग को लेकर गत बुधवार से अनशन पर बैठे हैं। जेएनयू की पर्सियन भाषा के छात्रों आशुतोष, रोहित, सुरेश, अविनाश, राहुल, मनोज व निखिल का कहना है कि एक एसोसिएट प्रोफेसर दूसरे संप्रदाय के छात्रों को फेल कर रहे हैं। वे उन छात्रों के साथ गली-गलौच करते हैं तथा पास न करने की धमकी भी देते हैं। राहुल को छोड़ अन्य छात्र बुधवार से भूख हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि उनकी कॉपी का पुन: मूल्यांकन किया गया। शनिवार शाम भूख हड़ताल पर बैठा छात्र सुरेश कमजोरी के कारण बेहोश हो गया। छात्रों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी। छात्रों का आरोप है कि सूचना दिए जाने के बावजूद प्रशासन ने एंबुलेंस नहीं भेजी। सिक्योरिटी अफसर की पहल के बाद छात्र को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। कुलपति के विशेष सलाहकार प्रो. रामाधिकारी का कहना है कि छात्रों की मांग को स्कूल लेबल ग्रिवानसेज कमेटी मे भेजा गया था। सभी छात्रों की कॉपी की इससे पहले भी एक बार जांच हो चुकी है। नियम के मुताबिक दूसरी बार जांच संभव नहीं है। इसलिए उनके सामने दोबारा से परीक्षा देने का प्रस्ताव रखा गया है। उन्होंने छात्र के बेहोश होने की जानकारी से इंकार किया(दैनिक जागरण,दिल्ली,28.11.2010)।
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