गांधी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस में एडमीशन दिलाने के नाम पर साढ़े छह लाख रुपए की वसूली करने आए दो आरोपियों को क्राइम ब्रांच पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया एक आरोपी बी-टेक है। इस गिरोह का संचालन गाजियाबाद से किया जा रहा था। इससे पहले वह साढ़े छह लाख रुपए एक छात्र से ऐंठ चुके हैं।
एएसपी क्राइम मोनिका शुक्ला ने बताया कि भास्कर कोरडे छिंदवाड़ा के रहने वाले हैं। उनका भांजा अंकुश पीएमटी में बैठा था, लेकिन उसका चयन नहीं हो पाया था। परीक्षा परिणाम आने के बाद से उसके पास फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम सरोज सिंह बताया था। उसका कहना था कि वह जीएमसी में एमबीबीएस में एनआरआई कोटे में एडमीशन दिला देगा। इसके लिए उसने साढ़े छह लाख रुपए देना होंगे। उसके कहे अनुसार तीस जुलाई अंकुश भोपाल आया और साढ़े छह लाख रुपए उसे दे दिए। सरोज अंकुश को लेकर जीएमसी गया था। वहां उसे बाहर खड़ा कर दिया और खुद अंदर चला गया। वहां से एक फार्म लाया। उसे भरवा कर जमा कर दिया। उसकी पावती दिला दी और बोला एडमीशन हो गया है। पंद्रह दिन बाद से कक्षाएं शुरू होंगी। अपनी व्यवस्था कर आ जाना। जब छात्र कालेज गया तो उसके नाम का एडमीशन नहीं था। उसने सरोज को फोन लगाया तो वह लगातार उसे आश्वासन देता रहा और बाद में मोबाइल बंद कर दिया।
करीब दो महीने बाद उसके पास दूसरे नंबर से फोन किया तो उसका कहना था कि प्रवेश हो जाएगा, लेकिन उसके लिए तेरह लाख रुपए लगेंगे। तब उसने मामले की शिकायत भोपाल पुलिस से की। अंकुश से साढ़े छह लाख रुपए लेने आए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की शिनाख्त अनिल यादव और भानु प्रताप सिंह के रूप में की गई है। अनिल अपने को वकील बताता है। वह फैजाबाद का रहने वाला है। भानु बरेली का रहने वाला है और बी-टेक इंजीनियर है। वह गाजियाबाद में प्राइवेट नौकरी करता है। दोनों को गाजियाबाद निवासी सुजीत कुमार ने भेजा था। जिस मोबाइल नंबर से फोन किया गया था, वह भी सुजीत के नाम का है। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गिरोह का सरगना भी सुजीत है। वह गाजियाबाद और दिल्ली से गिरोह का संचालन करता है(दैनिक जागरण,भोपाल,21.11.2010)।
इसी विषय पर कल दैनिक भास्कर में प्रकाशित भोपाल से योगेश पांडे की रिपोर्ट भी देखिएः
एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के लिए एक छात्र को 13 लाख रूपए लेकर बुलाने वाले दोनों आरोपियों को शनिवार को पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किया।
एमबीए और एलएलबी पास हैं आरोपी: एएसपी मोनिका शुक्ला ने बताया कि भानुप्रताप गंगवाल बीटेक और एमबीए कर चुका है जबकि उसका दूसरा साथी अनिल कुमार यादव बीए एलएलबी पास है। दोनों ने पूछताछ में बताया है कि उन्होंने गाजियाबाद के ही रहने वाले अपने दोस्त कमल सिंह के इशारे पर अंकुश को रूपए लेकर बुलाया था। इस मामले में अब पुलिस कमल सिंह को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ करेगी ताकि मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने वाले इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
दाखिला लेने बुलाया था फरियादी को: उल्लेखनीय है कि सौंसर निवासी अंकुश को आरोपियों ने गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के लिए 13 लाख रूपए लेकर बुलाया था। अंकुश ने इस बात की सूचना क्राइम ब्रांच को दी और जैसे ही आरोपी मेडिकल कॉलेज पहुंचे, क्राइम ब्रांच ने उन्हें दबोच लिया।
और भी लोगों को लगाया है चूना: पुलिस अब दोनों आरोपियों से यह पूछताछ कर रही है कि उनके गिरोह का नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है और गिरोह में कौन-कौन लोग शामिल है। हालांकि अब तक की पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को कोई अहम सुराग नहीं दिए हैं। पुलिस आरोपियों से ऐसी अन्य वारदातों के विषय में भी पूछताछ कर रही है।
इसी विषय पर कल दैनिक भास्कर में प्रकाशित भोपाल से योगेश पांडे की रिपोर्ट भी देखिएः
एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के लिए एक छात्र को 13 लाख रूपए लेकर बुलाने वाले दोनों आरोपियों को शनिवार को पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किया।
एमबीए और एलएलबी पास हैं आरोपी: एएसपी मोनिका शुक्ला ने बताया कि भानुप्रताप गंगवाल बीटेक और एमबीए कर चुका है जबकि उसका दूसरा साथी अनिल कुमार यादव बीए एलएलबी पास है। दोनों ने पूछताछ में बताया है कि उन्होंने गाजियाबाद के ही रहने वाले अपने दोस्त कमल सिंह के इशारे पर अंकुश को रूपए लेकर बुलाया था। इस मामले में अब पुलिस कमल सिंह को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ करेगी ताकि मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने वाले इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
दाखिला लेने बुलाया था फरियादी को: उल्लेखनीय है कि सौंसर निवासी अंकुश को आरोपियों ने गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के लिए 13 लाख रूपए लेकर बुलाया था। अंकुश ने इस बात की सूचना क्राइम ब्रांच को दी और जैसे ही आरोपी मेडिकल कॉलेज पहुंचे, क्राइम ब्रांच ने उन्हें दबोच लिया।
और भी लोगों को लगाया है चूना: पुलिस अब दोनों आरोपियों से यह पूछताछ कर रही है कि उनके गिरोह का नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है और गिरोह में कौन-कौन लोग शामिल है। हालांकि अब तक की पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को कोई अहम सुराग नहीं दिए हैं। पुलिस आरोपियों से ऐसी अन्य वारदातों के विषय में भी पूछताछ कर रही है।
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