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21 नवंबर 2010

पश्चिम बंगालःप्रोफेसरों के रिक्त पदों को भरने की मांग

पश्चिम बंगाल के अंदर कई कालेजों में बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हैं, जबकि सरकार इन्हें नहीं भर रही है। इससे पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। प्राइवेट कालेजों में करीब दस से बारह हजार पद रिक्त पड़े हैं। सरकारी विद्यालयों में करीब पैंतीस प्रतिशत पद रिक्त हैं, लेकिन सरकार इसके प्रति जागरूक नहीं है। यह बात प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वेस्ट बंगाल डेमोक्रेटिक प्रोफेसर्स फोरम के अध्यक्ष डाक्टर शिवरंजन चटर्जी, प्रोफेसर विनय भूषण चक्रवर्ती व अन्य वक्ताओं ने कही। चटर्जी ने कहा कि प्रेसीडेंसी कालेज में उपकुलपति की नियुक्ति में राजनीतिक हितों को ध्यान में रखा गया है। इसी तरह राज्य के अन्य कालेजों में भी सत्ता पक्ष राजनीतिक लाभ के लिए निष्पक्ष नियुक्ति नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रोफेसरों के अवकाश प्राप्त करने की आयु सीमा साठ से पैंसठ किया जाना चाहिए। इन प्रोफेसरों ने कहा कि सामाजिक दायित्व के तहत जबरन भूमि लेने का विरोध किया जा रहा है। जबरन भूमि लेने की वजह से राज्य में अराजकता जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। इस पर यथाशीघ्र अंकुश लगना चाहिए(दैनिक जागरण,कोलकाता,21.11.2010)।

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