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11 नवंबर 2010

एक समान है स्कूल और बोर्ड की परीक्षाःसीबीएसई

पहली बार लागू समग्र सतत् मूल्यांकन प्रणाली (सीसीई) की मार्च में होने वाली परीक्षाओं को लेकर अभिभावकों व छात्रों की शंकाओं को देखते हुए अब सीबीएसई ने इसका समाधान पेश किया है।

बोर्ड ने नई व्यवस्था को लेकर चेयरमैन विनीत जोशी से लगातार किए जा रहे सवालों के जवाबों में साफ किया है कि चाहे स्कूल की परीक्षा दें या फिर बोर्ड की छात्रों को मिलने वाला मूल्यांकन प्रमाण पत्र एक ही होगा।

स्कूल की परीक्षा उन छात्रों के लिए है, जो दसवीं के बाद भी स्कूली शिक्षा जारी रखना चाहते है, जबकि बोर्ड की परीक्षा उन छात्रों के लिए है, जो इसके बाद उच्च शिक्षा का रुख करने के इच्छुक हैं।
सीबीएसई का समेटिव एसेसमेंट-२ (लिखित परीक्षा) या स्कूल का समेटिव एसेसमेंट-२ की उलझन में फंसे छात्रों को बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इनमें कोई भिन्नता नहीं है,

दोनों के लिए ही प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। बोर्ड ने अपने वेबसाइट पर अभिभावकों व छात्रों की ओर से लगातार किए जा रहे सवालों के जवाब जारी किए है। दरअसल, दसवीं में सीसीई लागू होने के बाद से बोर्ड ने दसवीं बोर्ड को समाप्त कर दिया है।

सीसीई के तहत दसवीं को भी दो सत्रों में बांटा गया है, जिसमें एसए (समेटिव मूल्यांकन)-१ व समेटिव मूल्यांकन-२ लिया जा रहा। समेटिव मूल्यांकन-२ स्कूली स्तर पर भी आयोजित होगा व बोर्ड भी अपने स्तर पर आयोजित करेगा। इसके लिए लिखित रूप से बच्चों से अंडरटेकिंग तक ली जा रही है और इसी को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बरकरार है।

बोर्ड से लगातार पूछा जा रहा था कि यदि उन्होंने बोर्ड वाले एसए-२ का चयन किया है, लेकिन अब वह स्कूल वाला एसए-२ देना चाह रहे हैं तो क्या ऐसा किया जा सकता है। बोर्ड ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि इस साल बोर्ड ऐसा बदलाव करने की मंजूरी दे रहा है।

इसके लिए छात्रों को अपना एक विकल्प यानी कौन-सी परीक्षा देना चाहते हैं इसके बारे में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों को १५ दिसंबर तक बताना होगा। साथ ही बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि दोनों एसए-२ के लिए मूल्यांकन बोर्ड की ओर से जारी की गई मार्किग स्कीम के आधार पर ही होगा।

बोर्ड जो एसए-२ लेगा उसका मूल्यांकन बाहरी स्कूली शिक्षकों के जरिए होगा, जबकि स्कूल के एसए-२ का मूल्यांकन उसी स्कूल के शिक्षकों की और से किया जाएगा(दैनिक भास्कर,दिल्ली,11.11.2010)।

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