उनका दिन शुरू हो सकता है सानिया मिर्जा के साथ मीटिंग से, लंच दीपिका पादुकोण के साथ और रात का भोजन ऋषि कपूर के साथ। यह किसी प्रतियोगिता में सेलिब्रिटी के साथ मीटिंग करने का पुरस्कार जीते विजेता के किसी एक दिन का शेडय़ूल नहीं है, यह किसी सेलिब्रिटी मैनेजर के जीवन का एक सामान्य दिन है।
आप चाहे खेल के क्षेत्र में काम करें या मनोरंजन में, खिलाड़ियों या मनोरंजन क्षेत्र के सेलिब्रिटीज के मैनेजमेंट का काम इतना आसान नहीं है। आइये जानें सुपर स्टार और खिलाड़ियों को मैनेज करने से जुड़े बिजनेस-एंटरप्रेन्योर और कर्मियों से कि यह काम किस कीमत की मांग करता है
राहुल टेनी, 31
असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट, परसेप्ट स्पोर्ट्स मुबंई
खेलों का दीवाना : राहुल अपने इस काम की वजह से अपने खेल हीरो तक आसानी से पहुंच जाते हैं। राहुल ने परसेप्ट स्पोर्ट्स साल ज्वॉइन किया है, जहां उन्हें ओलंपिक कांस्य पदक विजेंद्र सिंह और अन्य मुक्केबाज जय भगवान और मनप्रीत सिंह के साथ काम करने का मौका मिला। हाल में राहुल ने पुणे में एक स्पेशल बॉक्सिंग इवेंट का भी आयोजन किया था।
राहुल का सफर : परसेप्ट ज्वॉइन करने से पहले राहुल ने कई जगह काम किया। मुंबई मिट्ठीबाई कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई कर चुके राहुल ने वर्ष 2000 में विज़क्राफ्ट के साथ काम किया, जहां उनकी भूमिका खेल संबंधी गतिविधियों से संबंधित प्रस्तावों और मार्केट रिसर्च के क्षेत्र में सेल्स और मार्केटिंग टीम के सहायक के तौर पर थी।
उसके बाद उन्होंने कॉरपोरेट गोल्फ टूर्नामेंट के आयोजन के क्षेत्र में काम करने के लिए टाइगर स्पोर्ट्स के साथ काम किया। वर्ष 2006 में विज़क्राफ्ट के साथ अपनी दूसरी पारी में उन्हें किंग्स इलेवन और उसके मालिकों के साथ काम करने का मौका मिला। परसेप्ट ज्वॉइन करने से पूर्व उन्होंने एक प्राइवेट इक्विटी फर्म में भी काम किया। वर्ष 2008 में विज़क्राफ्ट को तीन अलग-अलग टीमों के इवेंट को मैनेज करने का काम मिला, जिसमें राहुल को किंग्स इलेवन का काम सौंपा गया। राहुल कहते हैं कि वे तीन महीने उनके जीवन में सबसे खूबसूरत थे।
शेडय़ूल : वह सुबह सात बजे उठते हैं और सभी अखबारों को ध्यान से पढ़ते हैं। उसके बाद वह अपने काम के लिए निकलते हैं। साढ़े नौ बजे अपनी टीम के साथ मीटिंग करने के बाद वे उन विषयों में जुट जाते हैं जिन्हें प्राथमिकता के साथ पूरा करना होता है। कुछ खास दिनों को छोड़ दिया जाए तो अमूमन वे आठ बजे तक काम से फ्री हो जाते हैं।
सफलता का मंत्र : आपकी प्रेजेंटेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए और अपने प्रोजेक्ट की गहराई से जानकारी होनी चाहिए।
सबसे बड़ी चुनौती : क्रिकेट को छोड़ दिया जाए तो किसी और खेल को बेचना भारत में सबसे मुश्किल है। राहुल कहते हैं कि लिंकेडिन एकाउंट में हर सप्ताह कई ई-मेल आती हैं, लोग उनसे इस क्षेत्र में प्रवेश करने का तरीका पूछते हैं, पर दुख की बात यह है कि इस क्षेत्र में अभी इतनी नौकरियां नहीं हैं। विदेशों में इसके पर्याप्त अवसर हैं, जहां खेल लीग्स का संचालन प्रोफेशनलों द्वारा किया जाता है। खेल प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में निजीकरण का अभाव है।
वेतन : इस क्षेत्र में वेतन 9 से 18 लाख वार्षिक तक हो सकता है।
अनिर्बन दास ब्ला
प्रबंध निदेशक, क्वान एंटरटेनमेंट, मुंबई
अंधेरी ऑफिस में फिल्म पोस्टर के साथ बैठे अनिर्बन दास अपने शुरुआती दिनों को याद करते हैं, जब वे खिलाड़ियों और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट कंपनी ग्लोबोस्पॉर्ट में काम करते थे। पिछले वर्ष दास ब्ला ने ग्लोबोस्पोर्ट कंपनी को छोड़कर अपनी खुद की फर्म ‘क्वान’ स्थापित की है। इनकी फर्म रणबीर कपूर जैसे बॉलीवुड के बड़े सेलिब्रिटी का मैनेजमेंट करती है।
वर्तमान में क्वान में 45 कर्मचारी काम करते हैं, छह शहरों में इसके कार्यालय हैं और बिलिंग की बात करें तो पहले वर्ष यह राशि सौ करोड़ रुपये है। वे बताते हैं कि उन्हें इस क्षेत्र में प्रवेश करने की प्रेरणा फिल्म ‘जैरी मैग्वॉयर’ से मिली। मैंने अपने करियर के आठ साल ग्लोबोस्पोर्ट का निर्माण करने में लगाए हैं। फिर मन में ख्याल आया कि अब कुछ अपना बनाने का समय है। ग्लोबोस्पोर्ट के मार्फत वर्ष 2004 में सीग्राम के साथ सैफ अली खां का अनुबंध कराना उनकी सबसे बड़ी डील थी।
शेडय़ूल : सुबह दस बजे काम शुरू हो जाता है। वे कहते हैं कि पहला आधा घंटा अपनी टीम के साथ वार्षिक समीक्षा करने में बिताते हैं। एक समय हमने दुनिया के सबसे बड़े ब्रांड्स में एक के लिए अपनी प्रेजेंटेशन तैयार की थी। हमने उन्हें सुझाया कि वे इसके लिए अपने पूर्व ब्रांड एंबेसेडर को छोड़कर रणबीर कपूर को साइन करें। दोपहर को एक युवा एक्टर मॉडल से मुलाकात करके उसके करियर पर बात होगी। चार बजे फोटोग्राफर के साथ मीटिंग है। अमूमन उनका काम साढ़े छह बजे पूरा हो जाता है, पर अधिकतर उनकी डिनर के बाद किसी न किसी के साथ मीटिंग होती है।
सफलता का मंत्र : यदि आपको जॉब प्रोफाइल और टाइमिंग की समस्या है तो आप इस क्षेत्र में अच्छा करियर नहीं बना सकते। इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए आप में अपने पूर्वाग्रहों को छोड़ने की क्षमता होनी चाहिए। वे बताते हैं कि टेलिकॉम कंपनी की नौकरी छोड़कर उन्होंने ग्लोबोस्पोर्ट को काफी कम वेतन यानी 17 हजार रुपये मासिक पर ज्वॉइन किया था। मेरे लिए टेलिकॉम क्षेत्र के अपने पूरे कार्य अनुभव को भुलाकर एक दम नई शुरुआत करने जैसा था।
सबसे बड़ी चुनौती : क्रिकेट को छोड़ दिया जाए तो भारत में स्पोर्टमैनेजिंग के क्षेत्र में काफी कम पैसा है।
मुझे पसंद है : यदि मैं टेलिकॉम में काम कर रहा होता तो मेरा जीवन विभिन्न नेटवर्क पर डाटा भेजन और प्रेजेंटेशन बनाने पर होता। लेकिन आज मैं कैप टाउन में रणबीर कपूर के साथ बीयर का मजाा लेते हुए विभिन्न विषयों पर बात कर सकता हूं।
कमाई : हर साल लगभग एक से तीन करोड़ रुपये आप कमा सकते हैं।
प्रियंका मेहता, 23 वर्ष
ब्लिंग एंटरटेनमेंट सॉल्यूशन, मुंबई
यह क्षेत्र हमेशा बहुत ग्लैमरस लगता है, पर मुझे पता है कि इसके लिए कितनी मेहनत की जरूरत है, और मुझे यह नौकरी पसंद है। हर कदम पर समस्याएं आती रहती हैं, पर आपको अपनी नजर हमेशा बॉल पर रखनी होती है। प्रियंका बताती हैं कि वे एडवांस में कुछ भी प्लान नहीं कर पाती। तनावपूर्ण स्थितियों में धैर्य बनाए रखना इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण मंत्र है।
फिलहाल मैं विद्या बालन का काम मैनेज कर रही हूं, जिसके लिए मुझे लगातार उनके संपर्क में रहना होता है। साढ़े दस बजे ऑफिस में पहुंच जाती हूं। कई सारे अधूरे काम होते हैं। कई कॉन्ट्रेक्ट पर काम करना होता है, विभिन्न तिथियों और ब्रांड्स का तालमेल संबंधी कई काम करने होते हैं। अमूमन साढ़े आठ बजे काम से फ्री हो जाती हूं, पर मेरा फोन देर रात तक बजता रहता है। विद्या बालन और मेरी सारी बातें अधिकतर आधी रात के बाद से दो बजे सुबह तक होती हैं। मुझे काम के लिए काफी ट्रैवल करना होता है।
कमाई : इस क्षेत्र में फ्रेश ग्रेजुएट 15 हजार रुपये से 20 हजार रुपये प्रति माह तक कमा सकते हैं।
(हिंदुस्तान,दिल्ली,8.11.2010)
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