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16 नवंबर 2010

उत्तराखंडःबीडीएस छात्रों पर असमंजस बरकरार। आयुर्वेद डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हुआ

नारायण स्वामी डेंटल कालेज के बीडीएस के छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई जारी रखने और परीक्षा में शामिल होने को लेकर असमंजस बरकरार है। राज्य सरकार को इस मामले में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) और केंद्र सरकार की अनुमति का इंतजार है। नारायण स्वामी डेंटल कालेज की मान्यता बीते सत्र में रद्द कर दी गई थी। इसके बाद कालेज में अध्ययनरत तकरीबन सवा सौ छात्र-छात्राओं के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया था। इस समस्या से निपटने को सरकार ने उक्त छात्र-छात्राओं के लिए सीमा डेंटल कालेज और उत्तरांचल डेंटल कालेज में परीक्षा के बंदोबस्त किए। दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्र-छात्राएं अब अगले सेमेस्टर में पहुंच चुके हैं। इनके बारे में अभी अनिश्चितता बनी हुई है। हालांकि, राज्य सरकार यह तय कर चुकी है कि इन विद्यार्थियों को उक्त दो डेंटल कालेजों में ही समायोजित किया जाए लेकिन इस बारे में राज्य सरकार अकेले फैसला लेने की स्थिति में नहीं है। राज्य को इस मसले के समाधान को डीसीआई और केंद्र सरकार की अनुमति का इंतजार है। इसके लिए डीसीआई को पत्र भेजा जा रहा है। छात्र-छात्राओं के भविष्य पर जल्द फैसले को लेकर शासन स्तर पर बैठक हो चुकी है। बैठक में उक्त दोनों डेंटल कालेजों में छात्र-छात्राओं को समायोजित करने पर भी चर्चा हुई। केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद यह कदम उठाया जाएगा। नारायण स्वामी डेंटल कालेज की जमानत राशि जब्त की जा चुकी है। कालेज की ओर से विद्यार्थियों से ली गई फीस पर भी अभी फैसला नहीं हुआ है। यह फीस विद्यार्थियों को वापस की जाएगी अथवा समायोजन के बाद संबंधित कालेजों को दी जाएगी, इस बारे में भी असमंजस बना हुआ है। यह कुहासा छंटने को डीसीआई और केंद्र सरकार के फैसले पर नजरें टिकी हैं।

उधर,उत्तराखंड के सरकारी सेवारत आयुर्वेद डॉक्टरों के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। विभागीय निदेशक की ओर से सभी जिला आयुर्वेद अधिकारियों को इस बारे में निर्देश जारी किए गए हैं। आयुर्वेद डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन के मामले में सरकार ने कार्यवाही तेज कर दी है। अविभाजित यूपी में रजिस्टर्ड प्राइवेट डॉक्टरों का उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कराने के हाल ही लिए गए फैसले के बाद अब सरकार ने सरकारी सेवारत आयुर्वेद डॉक्टरों का भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। विभाग की निदेशक पूजा भारद्वाज की ओर से सभी जिला आयुर्वेद अधिकारियों को इस बारे में निर्देश जारी किए गए हैं(दैनिक जागरण,देहरादून,16.11.2010)।

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