हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों को साल में कम से कम दो सौ दिन कक्षाएं लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। भले ही इसके लिए रविवार को ही क्यों न पढ़ाना पड़े। इसके अलावा एक विद्यार्थी को सप्ताह में कक्षा में 35 घंटे की उपस्थिति जरूरी होगी। इससे पहले सरकारी स्कूलों मे 180 दिन का शैक्षिक वर्ष होता था। शिक्षा निदेशालय के इन नए नियमों का पालन न करने पर संबंधित स्कूल के शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्यों दिए निर्देश
आमतौर पर प्राकृतिक आपदाओं, हड़ताल और बंद आदि के आह्वान पर तथा अत्यधिक सर्दी और गर्मी के कारण जिला प्रशासन की ओर से विद्यालयों को बंद कराने का निर्णय लिया जाता है। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान उठाना पड़ता है।
निदेशालय को यह आदेश इसलिए जारी करना पड़ा क्योंकि निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम- 2009 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राथमिक कक्षाओं के लिए एक शैक्षिक वर्ष में 200 दिन और उच्च प्राथमिक या माध्यमिक (छठी से आठवीं) में 210 दिन शैक्षिक कार्य अनिवार्य है। जिला प्रशासन को विद्यालयों के अवकाश की घोषणा के साथ यह भी बताना होगा कि उक्त अवकाश की भरपाई के लिए स्कूल कब खोले जाएंगे। इस बात की छूट दी गई है कि पूर्व में की गई छुट्टियों के लिए स्कूल रविवार या माह के दूसरे शनिवार को भी खोले जा सकते हैं।
"विद्यालयों में किसी कारणवश अवकाश घोषित किया जाए तो उक्त अवकाश के स्थान पर किसी अन्य अवकाश के दिन विद्यालय खोलने के आदेश भी समानांतर रूप से दिए गए हैं। वहीं,जो विद्यार्थी निर्धारित किए गए पीरियड पूरे नहीं लगाएगा उसके अभिभावक को स्कूल में बुलाकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा"-डॉ. मनोज कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी, रेवाड़ी( ज्ञान प्रसाद,दैनिक भास्कर,रेवाड़ी,19.11.2010)
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