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19 नवंबर 2010

हिमाचलःनिजी विश्वविद्यालय न डोनेशन ले सकेंगे,न डिस्टेंस एजुकेशन चला सकेंगे

प्रदेश सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी पर शिकंजा कसने के लिए निजी विश्वविद्यालय एक्ट में संशोधनों को मंजूरी दे दी है। सरकार के संशोधित नियमाें के तहत सभी निजी विश्वविद्यालयों को कम से कम 25 साल तक चलाने की शर्त अनिवार्य कर दी है।

पहले कुछ विश्वविद्यालयों को 15 साल तक चलाने की ही शर्त थी। लेकिन अब सरकार ने सभी निजी विश्वविद्यालयों को 25 साल तक चलाने की शर्त अनिवार्य कर दी है और इससे पहले बंद करने पर संबंधित विश्वविद्यालय की भूमि सरकार को हस्तांतरित हो जाएगी।

इसी तरह निजी विवि पर छात्रों से डोनेशन फीस वसूलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा कोई मामला आता है तो इसकी शिकायत सरकार के शिक्षा सचिव को की जा सकती है। अगले सत्र से यह शिकायत रेगुलेटरी कमीशन को की जा सकती है। इसी तरह निजी विश्वविद्यालयों पर शिक्षकों को निर्धारित मापदंडों के अनुरूप वेतन देने की शर्त लगाई है।

इनका वेतन भी बैंकों के माध्यम से देने की शर्त होगी जिससे सरकार को यह पता चल सके कि इन्हें पूरा वेतन दिया जा रहा है या नहीं। नियुक्ति भी नियमित आधार पर किया जाना जरूरी होगा। विदित रहे कि प्रदेश के छात्र संगठन पिछले काफी लंबे समय से निजी विश्वविद्यालयों की मनमानियों और अनियमितताओं के बरते जाने का विरोध कर रहे थे। प्रधान शिक्षा सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने बताया कि सभी निजी विश्वविद्यालयों के नियमों में एकरूपता लाने और छात्रों के हितों को सुरक्षित करने के लिए एक्ट में कई संशोधन किए गए हैं।

दूरवर्ती शिक्षा के माध्यम शिक्षा की इजाजत नहीं

सरकार ने दूरवर्ती या फिर ऑफ कैंपस के माध्यम से निजी विश्वविद्यालयों को शिक्षा देने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके लिए पहले सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य होगी। इसी तरह किसी भी प्रकार की ऑनेरेरी डिग्री भी नहीं दे सकेंगे। इसी तरह निजी विश्वविद्यालयों के निरीक्षण के लिए राज्य सरकार को किसी भी तरह की अनुमति प्राप्त नहीं करनी होगी(दैनिक भास्कर,शिमला,19.11.2010)।

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