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09 नवंबर 2010

मध्यप्रदेशःविद्युत मंडल के कर्मचारियों का होगा बंटवारा

मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के कैश फ्लो के बंटवारे के बाद अब जल्द ही अधिकारियों और कर्मचारियों का भी बंटवारा होने जा रहा है। इस संबंध में ऊर्जा विभाग ने विद्युत मंडल के सचिव पीके वैश्य को निर्देश हैं। इसमें कहा है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी एकत्र कर एक चार्ट तैयार करें।
निर्देश के बाद विद्युत मंडल ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची बनाना शुरू कर दी है। सूत्रों की माने तो 1 अप्रैल 2011 के बाद कोई भी अधिकारी और कर्मचारी विद्युत मंडल के अधीन नहीं रहेगा। इसके बाद सभी विद्युत कंपनियों के अधीन हो जाएंगे और कंपनियां इनके वेतन भत्तों का भुगतान करेंगी। यह पूरी कवायद ऊर्जा विभाग की विदेशी सलाहाकार कंपनी पीडब्ल्यूएचसी की रिपोर्ट के आधार पर की जा रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार विद्युत अधिनियम 2003 के तहत कंपनियों को स्वायत्तता देने के बाद विद्युत मंडल का कोई विशेष महत्व नहीं रह गया है। इसलिए विद्युत कंपनियों को विद्युत मंडल के बचे नियंत्रण से भी मुक्त कर दिया जाए। इसके लिए कैश फ्लो के साथ-साथ विद्युत मंडल के सभी कर्मियों को विद्युत कंपनियों में बांट दिया जाए। विदेशी कंपनी की रिपोर्ट पर अमल करते हुए ऊर्जा विभाग 31 मार्च 2010 तक विद्युत मंडल के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाएं विद्युत कंपनियों को सौंपने जा रहा है। इस संबंध में बाकायदा कर्मियों की वर्तमान पदस्थापना की एक सूची तैयार करवाई जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस अधिकारी और कर्मचारी को किस कंपनी को सौंपना है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कुछ दिन पहले विद्युत कंपनियों में कैश फ्लो को बांटने की कवायद की गई थी। इसके पीछे मुख्य वजह यह थी कि अब कंपनियां स्वयं की वसूली कर अपना खर्च उठाएं। अब मंडल के कर्मियों के बंटवारे की कवायद की जा रही है। विद्युत मंडल से कैश फ्लो और कर्मचारी हट जाने के बाद उसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा(हरीश दिवेकर,दैनिक जागरण,भोपाल,9.11.2010)।

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