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12 नवंबर 2010

फरीदाबादःहक के लिए भटक रहे रिटायर्ड निगमकर्मी

नगर निगम के सैकड़ों रिटायर्ड कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल सका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री रिटायर्ड कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ जनवरी 2006 से देने की घोषणा कर वाहवाही लूट चुके हैं। जबकि दूसरी ओर स्थानीय निकाय विभाग के एफसी ने मुख्यमंत्री के आदेश के उलट यह लाभ अप्रैल 2010 से देने के बारे में निगम कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है। अब कर्मचारी इस बात का पता कर रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री का आदेश कहां बदल गया।

नगर निगम से फाइनेंस कंट्रोलर के पद से रिटायर्ड हुए श्याम बिहारी अग्रवाल सरकार द्वारा वादा न निभाने से दुखी हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने 30 जनवरी 2010 को नगर निगम और नगरपालिकाओं के कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ जनवरी 2006 से देने की घोषणा की थी। उनकी घोषणा के अनुसार 50 नगर पालिकाओं और तत्कालीन दो निगमों के करीब 11 हजार रिटायर्ड कर्मचारियों को यह लाभ दिया जाना था।

अब नगर निगमों की संख्या 8 हो चुकी है, लेकिन स्थानीय निकाय डिपार्टमेंट के फाइनेंस कमिश्नर राजकुमार की ओर से 12 मार्च 2010 को जारी लैटर मुख्यमंत्री की घोषणा को काटता है। लैटर में छठे वेतन आयोग का लाभ एक अप्रैल 2010 से देने की बात कही है। नगर निगम फरीदाबाद के करीब 1100 रिटायर्ड कर्मचारियों का दुख टीडी जटवानी के शब्दों में भी बयान होता है। उन्होंने बताया कि रेगुलर कर्मचारियों को यह लाभ 2006 से दे दिया गया है। जबकि रिटायर्ड कर्मचारियों को यह लाभ देने में तरह तरह की कोशिशें की जा रही हैं।

जटवानी नगर निगम से जॉइंट कमिश्नर के पद से रिटायर्ड हुए थे। वह पूछते हैं कि आखिर वो कौन है जो मुख्यमंत्री के फैसले को भी बदल रहा है। उन्होंने इस बारे में नगर निगम से आरटीआई के माध्यम से भी मुख्यमंत्री के फैसले पर हुई नोटिंग की कॉपी मांगी है।

नगर निगम के करीब 1100 रिटायर्ड कर्मचारी हैं। जिनको पेंशन के रूप में नगर निगम करीब 70 लाख रुपये बांटता है। वास्तविकता यह है कि जिस फंड से नगर निगम इनको पेंशन देता था। वह फंड खाली कर दिया गया है। नई कंट्रीब्यूशन इस फंड में आ नहीं रही है। जिससे इन कर्मचारियों को पेंशन तक मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है(नवभारत टाइम्स,फरीदाबाद,12.11.2010)।

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