एमडीआई के 3 होनहारों ने जर्मनी में अपना परचम लहराया है। सोशल मीडिया पर हुए कॉम्पिटिशन में गुड़गांव के 3 होनहारों ने दुनिया भर से आए स्टूडेंट्स को मात दी। उनकी शानदार प्रेजेंटेशन से प्रभावित हो प्रतियोगिता के आयोजकों ने उन्हें पूरी दुनिया में एक फेवरिट डेस्टिनेशन पर जाने का मौका दिया है।
एमडीआई की रिधी जैन, दिव्या गोसाई और कौस्तव गुप्ता की टीम ने इस कॉम्पिटिशन में सेकंड प्राइज जीता। कौस्तव ने बताया कि यह प्रतियोगिता 28 अक्टूबर को हुई। वह अब यूएस या यूके में लंबी छुट्टी बिताने की प्लानिंग में हैं। ट्रिप कितने दिन का है इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ आने जाने के टिकट मिलेंगे। वह कितने भी दिन विदेश में रह सकते हैं।
कोस्तव के अनुसार उन्होंने अपनी पे्रजेंटेशन लुफ्थांसा मोबेलाइज सोशल मीडिया पर तैयार की थी। इसमें एयरलाइंस में टीम डोर्क की अहमियत को दर्शाया था। कॉम्पिटिशन में फर्स्ट यूए की टीम और एंब्री रिडल एयरनॉटिकल यूनिवर्सिटी रही। वह कहते हैं कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि हमें 30 देशों के प्रतिनिधियों के बीच सेकंड प्राइज मिलेगा।
जर्मनी में आयोजित पहली लुफ्थांसा केस चैलेंज 2010 का आयोजन जब किया गया तभी तीनों ने मिलकर इस थीम को चुना। दुनिया भर के 30 देश इस प्रतियोगिता में शामिल हुए। कुल 134 टीमें इसमें शामिल थीं। इसमें 26 टीमें इंडिया की थीं इन्हीं में से हमारी टीम भी थी। हमारी टीम में पीजीपीएन (पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट) 2009-2011 के 3 स्टूडेंट्स रिधी जैन, दिव्या गोसाईं और कौस्तव गुप्ता शामिल हैं। प्रतियोगिता में फर्स्ट राउंड में 70 टीमें चुनी गईं और सेकंड राउंड में छह टीमें चुनी गईं।
इस प्रतियोगिता में टॉप 6 में पहुंचने वाली टीमों में येले युनिवर्सिटी, अमेरिकन युनिवर्सिटी, सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी, हावर्ड बिजनेस स्कूल, युरोपियन बिजनेस स्कूल, कोपनहेगन बिजनेस स्कूल, एंब्री रिडल आनोटिकल यूनिवर्सिटी और क्वींस मेरी कॉलेज लंदन शामिल रहे। रिधी के अनुसार प्रतियोगिता के बारे में सुनकर ही तीनों लोग एक्साइटेड हो गए थे।
उन्होंने बेहद मुश्किल और काफी सर्वे करने के बाद अपने विषय का चुनाव किया। उन्हें कभी नहीं लगा कि यह विषय यूनीक होगा और वह टाप टू में रहेंगे लेकिन हां अपनी प्रेजेंटेशन के लिए उन्होंने काफी मेहनत की थी(नवभारत टाइम्स,गुड़गांव,12.11.2010)।
बहुत अच्छी खुशखबरी। तीनो को बधाई।
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