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12 नवंबर 2010

महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी में बनेगा बुक बैंक

एमडीएस यूनिवर्सिटी में प्रतिभाशाली और जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए जल्द ही बुक बैंक योजना शुरू होने जा रही है।

इस बारे में आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस योजना के तहत नीड कम मेरिट के आधार पर स्टूडेंट्स को मुफ्त में किताबें मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए रिटायर्ड, वर्तमान शिक्षकों के अलावा पूर्व छात्रों से भी किताबों का दान लिया जाएगा। इस योजना से कई स्टूडेंट्स को इसका सीधा फायदा मिल सकेगा। जानकारी के अनुसार लाइब्रेरी में बुक बैंक योजना का प्रस्ताव लाइब्रेरियन अश्विनी तिवारी ने कुलपति को 9 नवंबर को दिया था। कुलपति ने इस पर सहमति दे दी है। इस बारे में यूनिवर्सिटी के सभी शिक्षकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। तिवारी ने प्रस्ताव में किताबें जुटाने के लिए छह तरह की संभावनाएं बताई थीं।

इस तरह रखी जाएंगी किताबें: यह किताबें क्लोज्ड एक्सेस सिस्टम के तहत रीडर्स के लिए बाहर शेल्फ के बजाय आलमारियों में रखी जाएंगी। स्टूडेंट्स अपनी पसंद का कैटलॉग देखकर तय करेगा और उसे किताब सेट एक साल के लिए दे दिया जाएगा। किताबों को कैटलॉग बीप्रीफिक्स के साथ कंप्यूटराइज्ड होगा। इसे ऑनलाइन रखा जाएगा। इससे फायदा यह होगा कि लाइब्रेरी में जिन किताबों का सेट है उसकी जानकारी कंप्यूटर पर भी रहेगी। इससे किताब चुनने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

कैसे मिलेंगी किताबें: जिस स्टूडेंट को किताबों की जरूरत है, पहले वह कैटलॉग से किताबों की जानकारी लेकर अपनी जरूरत की सूची बनाएगा। इसके बाद एक प्रोफार्मा भरकर अपने विभागाध्यक्ष को देगा। विभागाध्यक्ष से यह आवेदन पुस्तकालय अध्यक्ष के पास जाएगा। इसके बाद योग्यता (पूर्वार्ध/ पूर्व सैमेस्टर परीक्षा/ अहर्ता परीक्षा में प्राप्तांक) के आधार पर स्टूडेंट की जरूरत और लाइब्रेरी में उसकी उपस्थिति के आधार पर उसे किताबें दी जाएंगी।

कहां से आएंगी किताबें: बुक बैंक में किताबों के संकलन के लिए केंद्रीय पुस्तकालय को मिलने वाले अनुदान/ बजट प्रावधान के तहत किताबें खरीदी जाएंगी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में प्रत्येक विभाग और संकाय के विभागाध्यक्षों, सदस्यों और अतिथि व्याख्याताओं से उपहारस्वरूप कोर्स की किताबें मांगी जाएंगी। अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके छात्रों से भी किताबों का उपहार लिया जाएगा।

बुक बैंक के लिए राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन कोलकाता, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग राजस्थान सरकार सहित अन्य संस्थानों से भी किताबों का संकलन किया जाएगा। इसी तरह विभिन्न यूनिवर्सिटीज के प्रकाशन विभाग से भी उपयोगी किताबों का क्रय किया जाएगा। इसके अलावा निजी प्रकाशकों की नमूना कॉपियां भी रखी जाएंगी।

विद्यार्थियों के हित में इस योजना को शुरू करने की तैयारी है। प्रस्ताव आया था, इस पर अमल करने के लिए कह दिया है। इससे प्रतिभावान व जरूरतमंद स्टूडेंट्स को लाभ होगा। - भगीरथ सिंह, कुलपति, मदस विश्वविद्यालय
(दैनिक भास्कर,अजमेर,12.10.2010)

1 टिप्पणी:

  1. बुक बैंक गरीब छात्र/छात्रों के लिए उपयोगी और वरदान साबित होगा .... बढ़िया जानकारी दी है ...आभार

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