केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) के स्कूलों में पढ़ने वाले 10 वीं के स्टूडेंट्स अपने स्कूलों को यह अंडरटेकिंग दे चुके हैं कि उन्हें 2011 में बोर्ड द्वारा कंडक्ट समैटिव असेसमेंट ( एसए )-2 में बैठना है या स्कूल में होने वाले एग्जाम में। लेकिन अब बोर्ड ने स्टूडेंट्स को एक और चांस दिया है कि अगर वे अपना ऑप्शन बदलना चाहते हैं तो अभी भी उनके पास मौका है। इसके लिए स्टूडेंट्स को अपनी रिक्वेस्ट स्कूल से फॉरवर्ड करवानी होगी और 15 दिसंबर तक हर हाल में यह रिक्वेस्ट बोर्ड के रीजनल ऑफिस तक पहुंच जानी चाहिए। बोर्ड के चेयरमैन विनीत जोशी ने स्टूडेंट्स की शंका दूर करते हुए कहा कि बोर्ड और स्कूल द्वारा कंडक्ट किए जाने वाले एसए -2 की वैल्यू बराबर होगी। दोनों एग्जाम के क्वेश्चन पेपर का स्टैंडर्ड एक जैसा होगा और स्टूडेंट्स को सीबीएसई द्वारा जारी सर्टिफिकेट ही मिलेगा। जोशी के मुताबिक , दोनों एग्जाम के लिए एक जैसा सिलेबस फॉलो किया गया है। दोनों में से किसी भी एग्जाम में बैठने वाले स्टूडेंट को बोर्ड ही रोल नंबर जारी करेगा और उनके सर्टिफिकेट पर कंट्रोलर के साथ - साथ प्रिंसिपल के भी साइन होंगे।
बोर्ड एग्जाम के पेपर दूसरे टीचर्स चेक करेंगे जबकि स्कूल में एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स के पेपर उनके टीचर्स ही चेक करेंगे। सीबीएसई के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन एम . सी . शर्मा का कहना है कि कंटीनुअस एंड कांप्रीहेंसिव इवैल्यूशन ( सीसीई ) स्कीम का मकसद स्टूडेंट्स का तनाव कम करना है और दोनों तरह के एग्जाम में स्टूडेंट्स के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा। गौरतलब है कि बोर्ड की सीसीई स्कीम के मुताबिक , 2011 में सीनियर सेकंेडरी स्कूलों (12 वीं तक के ) में पढ़ने वाले वे स्टूडेंट्स जो सीबीएसई सिस्टम से बाहर नहीं आना चाहते , उन्हें स्कूल के एग्जाम में बैठना होगा। लेकिन इन स्कूलों के वे स्टूडेंट्स जो सीबीएसई सिस्टम से बाहर आना चाहते हैं और दूसरे बोर्ड में एडमिशन लेने के अलावा प्री - यूनिवर्सिटी , वोकेशनल कोर्स जॉइन करना चाहते हैं , उन स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जामिनेशन देना होगा। इसके अलावा जो स्टूडेंट्स सीबीएसई के सेकेंडरी स्कूलों (10 वीं तक के ) में पढ़ते हैं , उन्हें भी बोर्ड एग्जाम देना होगा। न्यू स्टेट अकादमी , पीतमपुरा स्कूल की प्रिंसिपल डॉ . संगीता भाटिया का कहना है कि उन्होंने बोर्ड को लिस्ट भेज दी है और बोर्ड ने स्टूडेंट्स को ऑप्शन चंेज करने का एक मौका दिया है , जो स्टूडेंट्स चाहेंगे , उनके लिए ऑप्शन चेंज करने का प्रोसेस शुरू किया जाएगा।
11 वीं में एडमिशन का सवाल
बोर्ड ने कहा है कि स्टूडेंट्स और उनके पैरंट्स को काफी सोच - विचारकर फैसला करना होगा। अगर किसी ने यह अंडरटेकिंग दी कि वह बोर्ड के एग्जाम में बैठेगा और 11 वीं में सीबीएसई सिस्टम को छोड़ देगा लेकिन एग्जाम के बाद अगर वह स्टूडेंट उसी स्कूल में पढ़ना चाहेगा तो यह फैसला स्कूल पर होगा कि उस स्टूडेंट को 11 वीं में एडमिशन दे या न दे। बोर्ड ने कहा है कि ऐसे स्टूडेंट्स 11 वीं में एडमिशन की प्राथमिकता खो देंगे और स्कूल ही यह फैसला करेगा कि एडमिशन दिया जाए या नहीं। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस मसले पर स्कूलों के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
क्वेश्चन पेपर का स्टैंडर्ड एक जैसा
स्कूलों में होने वाले एसए -2 के लिए बोर्ड क्वेश्चन पेपर और मार्किंग स्कीम जारी करेगा। स्कूल चाहें तो इस क्वेश्चन पेपर को यूज कर सकते हैं और चाहें तो इसमें बदलाव कर सकते हैं , लेकिन पेपर के स्टैंडर्ड के साथ कोई समझौता नहीं होगा। जो स्कूल बदलावों के साथ क्वेश्चन पेपर बनाएंगे , उन्हें बोर्ड को पेपर भेजने होंगे।
मार्किंग स्कीम एक जैसी
स्कूल और बोर्ड द्वारा कंडक्ट किए जाने वाले एग्जाम में एक जैसी मार्किंग स्कीम होगी और स्टूडेंट्स के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। लेकिन बोर्ड साथ ही किसी भी स्कूल के असेसमेंट प्रोसेस का वेरिफिकेशन कर सकता है। अगर कोई शिकायत आती है तो बोर्ड उस स्कूल के पेपर चेक करवा सकता है।
सर्टिफिकेट होगा समान
सीबीएसई ही दोनों तरह के एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स के लिए सर्टिफिकेट जारी करेगा। इसके लिए स्कूलों से स्टूडेंट्स को दी गई ग्रेड भी मंगवाई जाएगी और उसके आधार पर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। ऐसे में स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट की वैल्यू को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है।
एसए - 2 का सिलेबस
सीसीई स्कीम में सितंबर में फर्स्ट समैटिव असेसमेंट हुआ और अब मार्च में सेकंड समैटिव असेसमेंट होना है। बोर्ड की पॉलिसी के मुताबिक , फर्स्ट टर्म टेस्ट में जो सिलेबस आएगा , उसे मार्च में होने वाले टेस्ट में रिपीट नहीं किया जाएगा। यानी फर्स्ट टर्म का अलग सिलेबस और सेकंड टर्म का अलग। यह नियम बोर्ड और स्कूल द्वारा कंडक्ट एग्जाम पर एक समान लागू होगा(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,29.11.2010)।
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