हिमाचल प्रदेश ग्राम रोजगार सेवक संघ ने मांगों के समर्थन में सरकार पर दबाव बनाया है। संघ ने इस बाबत एक मांग पत्र प्रदेश के ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री जयराम ठाकुर को भी सौंपा है। साथ ही सरकार से मांग की है कि राजस्थान की तर्ज पर उन्हें भी नियमित किया जाए।
हाल ही में मंडी के दौरान संघ का प्रतिनिधिमंडल जयराम ठाकुर को मंडी में मिला व उन्हें मांगों से अवगत करवाया। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भाग चंद कटोच का कहना है कि प्रत्येक ग्राम रोजगार सेवक के पास तीन-तीन पंचायतें दी गई हैं, जिनमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के अंतर्गत होने वाले विकास कार्यो का संपूर्ण ब्योरा ऑनलाइन करने की उनकी जिम्मेदारी तय की है। इसलिए ग्राम रोजगार सेवक को एक पंचायत से दूसरी पंचायत तक पहुंचने में पचास से साठ किलोमीटर दूरी का सफर तय करना पड़ता है। इसके अलावा भी उन्हें कई दिक्कतों से गुजरना पड़ा रहा है। कटोच का कहना है कि आज के इस महंगाई के दौर में ग्राम रोजगार सेवक को जो पगार मिल रही है वह बेहद कम है इसलिए मौजूदा पगार में बढ़ोतरी की जाए व उन्हें अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
वर्णनीय कि प्रदेश में कुल 3243 ग्राम पंचायतों में करीब 1085 ग्राम रोजगार सेवक कार्यरत हैं, जिनमें अधिकांश उच्च शिक्षित व डिग्रीधारी हैं व उन्हें पगार के तौर पर मिल रहे हैं मात्र तीन हजार रुपये जो कि एक तरह मजाक हैं। कटोच का कहना है कि ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री जयराम ठाकुर ने उनकी मांगों को सहानुभतिपूर्वक व गौर से सुना। ठाकुर ने जल्द पूरा करने का भी भरोसा दिया है(दैनिक जागरण संवाददाता,शिमला,6.11.2010)।
बहुत बढिया पोस्ट है,दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें
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