दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ के पदाधिकारियों और छात्रों ने सोमवार को कक्षाएं नहीं तो परीक्षा नहीं, के ऐलान के साथ नार्थ कैंपस में प्रदर्शन किया। छात्रों ने प्रशासन से मांग की कि जबतक कॉलेजों में पढ़ाई पूरी तरह नहीं हो तबतक परीक्षाएं नहीं आयोजित की जाए। अगर प्रशासन ऐसा करती है तो छात्र परीक्षा का बहिष्कार करेंगे। प्रदर्शन के बाद छात्र प्रतिनिधियों ने प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा।
सेमेस्टर के खिलाफ चल रहे आंदोलन के कारण कॉलेजों में पढ़ाई नहीं होने और ६ दिसम्बर से परीक्षाएं आयोजित होने के कारण विश्वविद्यालय के छात्रों में खासी नाराजगी थी। इस नाराजगी के कारण ही छात्र प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन का आयोजन किया था। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष जीतेन्द्र चौधरी ने बताया कि कॉलेजों में कायदे कानून के हिसाब से १८० दिन पढ़ाई कराने का कैलेण्डर बनाया गया है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया है। पिछले तीन माह में ज्यादातर दिन हड़ताल और धरना प्रदर्शन के कारण कक्षाएं नहीं हुई है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह आगामी ६ दिसम्बर से होने वाली परीक्षा को स्थगित करे। पहले कॉलेजों में पढ़ाई की पूरी व्यवस्था कराए। इसके बाद परीक्षा ली जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो छात्र सामूहिक रूप से परीक्षा का बहिष्कार करेंगे। प्रदर्शन के बाद छात्रों ने कुलपति कार्यालय तक मार्च किया और एक ज्ञापन सौंपा(नई दुनिया,दिल्ली,16.11.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।