पंजाब के 106 बहुतकनीकी कॉलेजों में ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट (जेईटी) को अनिवार्य कर दिया गया है। साल 2011-12 के लिए होने वाले दाखिले जेईटी टेस्ट के माध्यम से ही होंगे। इस संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। विभाग के प्रमुख सचिव सुरेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
काबिलेगौर है कि राज्य के 106 कॉलेजों की 40 हजार से ज्यादा सीटें अब टेस्ट के जरिए भरी जाएंगी, जबकि इससे पहले निजी कॉलेज पहले ही विद्यार्थियों से भारी राशि लेकर उन्हें मनचाही स्ट्रीम में दाखिला दे देते थे। इस रुझान को रोकने के लिए ही यह कदम उठाया गया है। हालांकि दूसरी ओर निजी कॉलेजों के मालिकों का कहना है कि जब सीटों से कम विद्यार्थी टेस्ट देने के लिए आ रहे हैं तो टेस्ट लेने की क्या जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस साल भी दस हजार से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। पंजाब मंे धड़ाधड़ खुल रहे बहुतकनीकी कॉलेजों के चलते ही ऐसी हालत हो रही है। पंजाब में कुल 106 कॉलेजों मंे से मात्र 18 कॉलेज सरकारी हैं। शेष सभी प्राइवेट सेक्टर में हैं।
उल्लेखनीय है कि जेईटी पहले भी लिया जाता रहा है, लेकिन दाखिले के लिए यह अनिवार्य नहीं था, जिसके चलते बहुत से विद्यार्थी यह सोच कर भी टेस्ट नहीं देते कि जब बिना दाखिला टेस्ट दिए ही दाखिला हो जाना है तो टेस्ट क्यों देना? इस प्रकार के लोग निजी कॉलेजों में पैसे के जोर पर मनमाफिक स्ट्रीम में दाखिला ले लेते हैं। हालांकि इसके बावजूद कॉलेजों में सीटें खाली रह जाती हैं। इस साल भी दस हजार सीटें खाली रह गई हैं। ऐसे में टेस्ट लेने के बाद क्या सीटें और ज्यादा खाली नहीं रह जाएंगी?
इस आशंका को विभागीय अधिकारी निमरूल मानते हैं। उनका मानना है कि यदि सही ढंग से जेईटी को प्रचारित किया जाए और टेस्ट के बिना दाखिला नहीं किया जाता तो ज्यादा से ज्यादा तैयारियों के साथ टेस्ट देंगे(इन्द्रप्रीत सिंह,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,17.11.2010)।
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