जवाहरलाल नेहरू विश्र्वविद्यालय को जल्द ही नया कुलपति मिल जाएगा। कुलपति चयन के बनी सर्च कमेटी को बीते दिनों चेयरमैन मिल गया और कमेटी की पहली बैठक भी सपन्न हो गई है। इसमें कई नामों पर विचार किया गया। अभी तीन बैठक और होनी हैं और आखिरी बैठक में तीन नामों का अंतिम रूप से चयन कर राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। जेएनयू कुलपति के मुख्य सलाहकार प्रो. रमाधिकारी ने बताया कि नए कुलपति की खोज करने वाली सर्च कमेटी की पहली बैठक की गई है। इसमें कमेटी ने आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि कुछ ही महीनों में जेएनयू को नए कुलपति मिल जाएंगे। उनका कहना है कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा बनाई जाने वाली सर्च कमेटी के लिए विश्र्वविद्यालय की ओर से दो नाम केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज दिए गए थे। पिहला नाम बैंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस के प्रो. पी. बलराम और दूसरा नाम हैं टाटा एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रो. डा. नितिन देसाई का था। सर्च कमेटी के चेयरमैन इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तुरीरंगन बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि चेयरमैन का पद संभालते ही नए कुलपति के खोज की प्रक्रिया तेज हो गई है। विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए नामों के बाद सर्च कमेटी के प्रमुख का पद खाली था। कुलपति के चयन के लिए जो प्रक्रिया हैं उसके तहत मंत्रालय द्वारा जो सर्च कमेटी बनती है उसके तीन नामों में चेयरमैन को छोड़कर दो नाम विश्र्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सुझाए जाते हैं। गौरतलब है कि जेएनयू के वीसी प्रो. बीबी भट्टाचार्य 30 जून, 2005 में दिल्ली विश्र्वविद्यालय कैंपस में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इकोनोमी ग्रोथ के निदेशक पद से जेएनयू के कुलपति बने थे। जेएनयू में कुलपति के रूप में उनका कार्यकाल 29 जून को समाप्त हो गया था। उधर, कैंपस में कई नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति की पत्नी और राजनीतिक शास्त्र विभाग की प्रो. जोया हसन, सीआरडी के प्रो. रवि श्रीवास्तव, डीयू वीसी की दौड़ में रहे हैदराबाद विश्र्वविद्यालय के प्रो. सैयद हुसैन और यूजीसी के मौजूदा चेयरमैन शुकदेव थोराट के नामों की चर्चा है(दैनिक जागरण,दिल्ली,7.11.2010)।
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