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15 नवंबर 2010

मानव संसाधन प्रबंधन में करिअर

वैश्वीकरण तथा आर्थिक उदारीकरण के बाद उद्योगीकरण जिस तीव्रता से बढ़ रहा है उससे कुशल ह्यूमन रिसोर्स मैनेजरों की मांग बहुत बढ़ गई है। यही कारण है कि नए कॅरिअर की तलाश कर रहे युवाओं के लिए ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट एक बेहतरीन कॅरिअर विकल्प के रूप में उभरकर आया है, जहां अच्छी सैलरी के साथ संस्थान में काफी इज्जत भी मिलती है।

गौरतलब है कि किसी संस्थान की सफलता में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। जैसे कम वेतन पर कुशल कर्मचारियों की नियुक्ति, कम संसाधनों में अधिक उत्पादन, समय-समय पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना और कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच सेतु का काम करना आदि। जब भी कोई युवा किसी कंपनी में रोजगार की तलाश में पहुंचता है तो सर्वप्रथम उसकी मुलाकात ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर से ही होती है।

ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के तहत ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर का कार्यक्षेत्र बहुत विस्तृत होता है। कर्मचारियों की भर्ती के लिए समाचार पत्र एवं वेबसाइट में विज्ञापन निकालना, आवेदन पत्रों को शॉर्टलिस्ट करना, आवेदक को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित करना आदि उसकी मुख्य जिम्मेदारी होती है। यही नहीं, सफल उम्मीदवारों को कंपनी की टर्म्स एवं कंडीशन बताना भी उसके दायित्व क्षेत्र में ही आता है। यदि आवेदक इन सभी शर्तों पर कार्य करने को तैयार हो जाता है तो इसी आधार पर ऑफर लेटर तैयार करना पड़ता है। कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए समय-समय पर प्रमोशन, इंसेंटिव व रिवॉर्ड तय करना ताकि कर्मचारी अधिक से अधिक कुशलता एवं लगन से काम कर सकें। यदि कंपनी में कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं या फिर असंतोष प्रकट कर रहे हैं तो उनकी मांगों को ध्यानपूर्वक सुनना, उनके सुझाव पर अमल करना, उनकी समस्या को हल करने की कोशिश करना भी ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के अंतर्गत ही आता है। कर्मचारियों की मांग को प्रबंधन तक पहुंचाना, लेबर लॉ के आधार पर समस्या को सुलझाना ताकि बाजार में कंपनी की साख बनी रहे आदि कार्य भी ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के अंतर्गत आते हैं। यदि कंपनी में कोई कर्मचारी ज्यादा दिनों से अस्थायी रूप से काम कर रहा है तो उसे स्थायी करना, किसी को पे रोल पर रखना, किसी को अवकाश देना भी ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के तहत ही आता है।

व्यावहारिक रूप से कोई भी व्यक्ति जिसके भीतर नेतृत्व की क्षमता, संगठित करने की क्षमता, विशेष परिस्थितियों में अच्छा काम करने की क्षमता है तो वह एक बेहतर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर बन सकता है। इसके अलावा ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर की भाषा पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए ताकि सामने वाले को बेहतर तरीके से समझा सके। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर को शांत स्वभाव का होना चाहिए। इसके अलावा जिस क्षेत्र में वह काम कर रहा हो उसके बारे में भी पूरी जानकारी रखनी होती है। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट का कोर्स करने के लिए किसी भी विषय से न्यूनतम ५० प्रतिशत अंकों से स्नातक होना आवश्यक है। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा में सफल होना होता है। कैट, मैट, जीमैट के अलावा कई विश्वविद्यालय अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं। इन परीक्षाओं में आए नंबरों के आधार पर ही छात्र को ग्रुप डिस्कशन के लिए आमंत्रित किया जाता है। जो छात्र ग्रुप डिस्कशन में बेहतर नंबर लाते हैं उन्हें व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाता है। जो छात्र सफल होते हैं उन्हें संबंधित संस्थान में दाखिला मिल जाता है।

ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के जानकार लोगों की मांग वर्तमान समय में कितनी है इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि दो वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा होने से पहले ही कंपनियां छात्रों का कैंपस सिलेक्शन कर लेती हैं। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट का कोर्स करने के उपरांत मेन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, टेलीकम्युनिकेशन, बैंक, मेडिकल, रीयल एस्टेट आदि में रोजगार की उजली संभावनाएं हैं। इसके अलावा टीचर, कंसलटेंट, रिसर्चर के रूप में भी काम किया जा सकता है। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर का कोई निश्चित वेतन नहीं होता है। उसका वेतन उसकी योग्यता और संस्थान की स्थिति पर निर्भर करता है।

कहां से करें कोर्स
*दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।

*जामिया मिलिया विश्वविद्यालय, दिल्ली।

*आईआईएम, अहमदाबाद।

*कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र, हरियाणा।

*हिसार विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा।
(जयंतीलाल भंडारी,मेट्रो रंग,नई दुनिया,दिल्ली,15.11.2010)

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