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27 नवंबर 2010

उप्र में बच्चों को पैदल नहीं जाना पड़ेगा स्कूल

सूबे के गली-मोहल्लों में रहने वाले बच्चों को प़ढ़ाई के लिए अब अधिक दूर पैदल चलने की जरूरत नहीं प़ड़ेगी । केंद्र सरकार ने उनके लिए निःशुल्क ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है । इसके लिए शुरूआती दौर में उत्तर प्रदेश के लखनऊ सहित छह महानगरों का चयन किया गया है । नगरीय नवाचार योजना के तहत सरकार ने इस व्यवस्था के लिए हर जिले को दस-दस लाख रूपए की स्वीकृति भी दे दी है । जिसमें बस अथवा टेम्पो द्वारा बच्चों को घर से विद्यालय तक लाने ले जाने की सुविधा दी जाएगी । इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं । योजना परिषदीय प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों के बच्चों के लिए होगी ।सूबे के १४,२,४१७ परिषदीय विद्यालयों में १८९.९५ करोड़ बच्चे अध्ययनरत हैं । सूत्रों के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जिलों के नगरीय क्षेत्रों में कई वार्ड अथवा मोहल्ले ऐसे हैं जहां प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय दूर हैं । अधिक दूरी की वजह से इन वार्डों के बच्चे (विशेषकर छात्राएं) रोज स्कूल नहीं जा पाते अथवा विद्यालय की पहुंच से वंचित रह जाते हैं (अखिल सक्सेना,नई दुनिया,दिल्ली संस्करण,27.11.2010 में लखनऊ से)।

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