नर्सिग काउंसिल आफ इंडिया ने बिहार के मेडिकल कालेजों में संचालित नर्सिग स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उसने नर्सिग स्कूल की छात्राओं को कम स्टाइपेंड का भुगतान, निर्धारित से अधिक दिनों तक रात्रि पाली में ड्यूटी लेने, अनुभवहीन शिक्षकों से प्रायोगिकी परीक्षा संचालित कराने एवं छात्राओं के आर्थिक शोषण की शिकायत को लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं नर्सिग स्कूल प्रशासन से जवाब-तलब किया है। काउंसिल ने स्पष्ट रूप से कहा कि जवाब मिलने के उपरांत ही स्कूलों के निरीक्षण पर विचार किया जायेगा। फिलहाल काउंसिल के कड़े तेवर से नर्सिग स्कूलों में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के मुताबिक हाल ही में सूबे की नर्सिग स्कूलों की दयनीय शिक्षण व्यवस्था को लेकर काउंसिल ने स्वास्थ्य विभाग को कड़ा पत्र लिखा है। काउंसिल द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि पीएमसीएच में नर्सिग स्कूल की छात्राओं से साल में 15 से 20 दिनों के विरुद्ध एक माह तक रात्रि पाली में ड्यूटी ली जा रही है तथा पांच वर्ष से कम अनुभव वाले शिक्षकों से प्रायोगिकी परीक्षाएं संचालित करायी जा रही हैं। इतना ही नहीं प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर छात्राओं का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। काउंसिल ने स्वास्थ्य विभाग से पीएमसीएच में नर्सों एवं मरीजों के अनुपात की जानकारी मांगी है। एनसीआई ने स्पष्ट रूप से कहा कि जवाब मिलने के बाद ही नर्सिग स्कूलों के निरीक्षण करने की तिथि तय की जायेगी(दैनिक जागरण संवाददाता,पटना,8.11.2010)।
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