एक बार फिर से बेसिक शिक्षा विभाग में गैरजिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ बीएसए की कलम उठी है। लंबे समय से गैरहाजिर तीन शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई हैं। बीएसए मुकेश कुमार सिंह के कार्यकाल में अब तक 46 शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। सात और शिक्षकों की जांच जारी है।
अलीगढ़ के लोधा ब्लॉक के चुआवली प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका उमेश कुमारी अप्रैल, 2009 से स्कूल नहीं आ रही थीं। चंडौस के देवपुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक राकेश कुमार 14 अप्रैल से गैरहाजिर हैं। टप्पल के गांव रंजीतगढ़ी स्थित प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक भूपेश कुमार की नियुक्ति 16 सितंबर को हुई थी। केवल दो दिन नौकरी करने के बाद 19 सितंबर से ही लापता हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक तीनों को कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन जवाब में कोई ठोस कारण नहीं मिला। बीएसए ने तीनों की बर्खास्तगी की पुष्टि की है।बीएसए मुकेश कुमार सिंह वर्ष 2008 के मध्य सत्र में जिले में आए थे। 2009-10 व 2010-11 के सत्र में अब तक 46 शिक्षकों को गैरहाजिरी और अन्य आरोप में बर्खास्त कर चुके हैं। हैरानी की बात है कि इनमें 32 महिलाएं हैं। बीएसए का कहना है कि गैरजिम्मेदारी कतई स्वीकार्य नहीं है(दैनिक जागरण,अलीगढ़,28.11.2010)
ऎसा होना ही चाहिये। हर जगह अध्यापक छुट्टियाँ ले कर विदेश चले जाते हैं और वापिस नही आते ये सब से बडी वजह है जिसका खामियाजा विद्द्यार्थिओं को भुगतना पडता है।ुआभार।
जवाब देंहटाएं