मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण व रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने के लिए प्रदेश के सभी प्रखंडों में एक-एक मॉडल स्कूल व आईटीआई खोले जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। निजी स्कूलों की भांति सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मिल सके, इसके लिए 203 मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। आठवीं से दसवीं कक्षा तक के बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ कुशल बनाने के लिए इतने ही आईटीआई खोले जाएंगे। इसके लिए हाई स्कूलों को आईटीआई से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने ये बातें गुरुवार को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के शुभारंभ समारोह में कही। उन्होंने शिक्षा में सुधार लाने के लिए उच्च स्तरीय शिक्षा परिषद गठित करने की भी बात कही। इससे पहले उन्होंने झारखंड माध्यमिक शिक्षा परियोजना परिषद के अध्यक्ष के रूप में दीप प्रज्वलित कर अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री वैद्यनाथ राम ने कहा कि 14 से 18 वर्ष के बच्चे स्कूल से बाहर नहीं रहें, इसके लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत कोशिश होगी कि कोई बच्चा आठवीं के बाद स्कूल न छोड़े। अधिकारियों को छात्रों व शिक्षकों की उपस्थिति भी सुनिश्चत करनी होगी। विभागीय सचिव मृदुला सिन्हा ने अभियान का उद्देश्य बताते हुए कहा कि अभियान चार हजार स्कूलों की कमी को पूरा करेगा। इसी साल तीन सौ मध्य विद्यालय उच्च विद्यालयों में अपग्रेड किए जाएंगे। कार्यक्रम के बाद रोडमैप आन सेकेंडरी एजुकेशन विषय पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक एफ सोरेंग, प्राथमिक शिक्षा निदेशक डीके सक्सेना, झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक विनय कुमार चौबे आदि उपस्थित थे। अभियान का उद्देश्य : हाई स्कूलों में ग्रास एनरॉलमेंट रेशियो 2011-12 तक 28.40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तथा 2010 तक 100 प्रतिशत करना, प्रत्येक वर्ष कक्षा आठ के बाद ड्रॉप आउट 15 प्रतिशत कम करना(दैनिक जागरण,रांची,5.11.2010)।
चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
जवाब देंहटाएंहरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार