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05 नवंबर 2010

हिमाचलः विवि में पदोन्नतियों पर सहमति। सचिवालयकर्मियों को मिला बकाया

एचपी यूनिवर्सिटी प्रशासन और कर्मचारियों के बीच अपग्रेडेशन के माध्यम से पदोन्नतियां करने संबंधी विवाद फिलहाल सुलझता नजर आ रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन इन पदों को अपग्रेडशन के माध्यम से भरने के लिए सरकार को एक बार फिर पत्र लिखकर मंजूरी देने की मांग करने जा रहा है। पदों को अपग्रेडेशन के माध्यम से भरने को कार्यकारी परिषद ने काफी पहले मंजूरी दे दी थी, लेकिन सरकार की लेटलतीफी से इन पदों को भरने में देरी हो रही है।

वीरवार को विवि में संयुक्त संघर्ष समिति की कुलपति के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। कमेटी के अनुसार कुलपति ने पत्र लिखकर एक हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है। पहले भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कई बार सरकार को पत्र लिखकर इन पदों को भरने की मांग की है, लेकिन सभी पद फिलहाल खाली हैं।

इसके तहत डिप्टी रजिस्ट्रार के दा पद, अस्सिटेंट रजिस्ट्रार के चार पद, सेक्शन ऑफिसर के 27 पद, सुपरिंटेंडेंट के 39 पद और विभिन्न विभागों में निजी सचिवों के रिक्त पड़े छह पदों को इस नियम के अनुसार भरने की मांग की गई है। समिति के अध्यक्ष सोहन लाल ठाकुर, सदस्य चौधरी वरयाम सिंह बैंस और प्रेस सचिव नरेश कुमार का कहना है कि कुलपति ने फिर से पत्र लिखकर इन पदों को भरने का आश्वासन दिया है।

सचिवालय के 1598 कर्मचारियों को मिला एरियर
1598 सचिवालय कर्मचारियों को वीरवार को 10 हजार रुपए एरियर का भुगतान हो गया। प्रशासन के त्वरित प्रयासों से कर्मचारियों को एरियर मिल सका। एरियर प्राप्त करने वालों में द्वितीय श्रेणी के 174, तृतीय श्रेणी के 800 और चतुर्थ श्रेणी के 317 कर्मचारी शामिल हैं। एरियर के भुगतान से सरकार के खजाने पर 16 लाख का बोझ पड़ा।

सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष मनमोहन जस्सल और महासचिव राजेंद्र शर्मा के अलावा सचिवालय के विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने कर्मचारियों को एरियर का भुगतान करने पर सरकार का आभार प्रकट किया है।

जीएडी सचिव अजय भंडारी ने कहा कि सचिवालय के समस्त कर्मचारियों को एरियर का भुगतान कर दिया गया है। सरकार के 68 विभागों व 36 सार्वजनिक उपक्रमों में से अधिकांश में एरियर का भुगतान संभव नहीं हो पाया है। घाटे में चल रहे दो दर्जन से अधिक निगम बोडरे को एरियर की पिछली किस्त का मुश्किल से भुगतान हुआ है(दैनिक भास्कर,शिमला,5.11.2010)।

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