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06 नवंबर 2010

यूबी बोर्डःखुलने लगी अग्रिम पंजीकरण की पोल

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षाओं में नकल माफियाओं पर नकेल लगाने के लिए पिछले साल से कक्षा 9 व 11वीं के छात्रों के लिए अनिवार्य अग्रिम पंजीकरण की व्यवस्था लागू की थी। यह अलग बात है कि पहले साल हुए इन अग्रिम पंजीकरण में विद्यालयों ने जम कर धांधली की। इस साल बोर्ड परीक्षा का फार्म भरने के समय इस धांधली का खुलासा हो रहा है। पिछले साल पंजीकरण कराने वाले हजारों छात्र लापता हो गए हैं। यह अभ्यर्थी कहां गए, परिषद अब इसका पता लगाने में जुटी है। परिषद ने विद्यालयों से जवाब तलब किया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा 2011 के लिए पंजीकृत हजारों छात्र लापता हो गए हैं। इन छात्रों के नाम से वर्ष 2009 में अग्रिम पंजीकरण कराया गया था। अब जब बोर्ड परीक्षा का फार्म भरने की नौबत आई है, इनका कुछ अता पता नहीं लग रहा है। बोर्ड परीक्षा 2011 के लिए परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर थी। इस तिथि तक जमा हुए शुल्क के विवरण के अनुसार एक एक जिले में दस से 15 हजार तक अभ्यर्थी कम हो गए हैं। माना यह जा रहा है कि कई विद्यालयों ने पंजीकरण में खासी धांधली की है। फर्जी नामों पर अग्रिम पंजीकरण करा लिया था। इन विद्यालयों का मानना था कि इस साल बोर्ड परीक्षा फार्म जमा करने तक अगर प्रत्याशी मिल गए तो नाम में त्रुटि दिखा कर परिषद से उसे परिवर्तित करा लेंगे। लेकिन इस साल उनकी गणित चल नहीं पाई। लिहाजा बड़ी संख्या में छात्र कम हो गए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव श्रीमती प्रभा त्रिपाठी ने बताया कि इन स्थितियों को देखते हुए विद्यालयों से विवरण मांगा गया है। इसमें विद्यालयों को अपने यहां पिछले साल कुल पंजीकृत छात्रों में से फेल, दूसरे विद्यालयों में चले जाने वाले व उत्तीर्ण छात्रों के नाम देने को कहा गया है। श्रीमती त्रिपाठी के अनुसार इसके साथ ही जिला विद्यालय निरीक्षकों को जांच करने के भी निर्देश दिए गए हैं। अग्रिम पंजीकरण से मिलान में अंतर आने पर विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। विश्वविद्यालय की सूची में एक और महिला छात्रावास इलाहाबाद विश्वविद्यालय को केन्द्रीय दर्जा मिलने के बाद अब एक और छात्रावास का नाम विश्वविद्यालय की सूची में जुड़ने जा रहा है। इसका उद्घाटन 9 नवम्बर को किया जाएगा। इस छात्रावास में महिलाओं को रहने की व्यवस्था की जायेगी। लंबे समय से महिला छात्रावास की जरूरत महसूस की जा रही है। अब विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को अलग से डेलीगेसी में नहीं रहना पड़ेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि एक और छात्रावास बन जाने से समस्या का समाधान काफी हद तक हो जायेगा(दैनिकजागरण,इलाहाबाद,6.11.2010)।

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