पुलिस विभाग में पिछले तीन माह से पदोन्नति को लेकर असमंजस बना हुआ है। इससे आईपीएस अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य नहीं कर रहे हैं। प्रदेश के इतिहास में पहली बार आईपीएस अधिकारियों को डीपीसी के बाद इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। पदोन्नति आदेश जारी न होने के कारण कई पद रिक्त हैं। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। जबकि आगामी 22 नवम्बर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र प्रारम्भ हो रहा है। जानकारी के अनुसार पुलिस अधिकारियों को पदोन्नत करने के लिए अगस्त माह में चार बैच की डीपीसी हुई थी जिसमें दो बैच के अधिकारियों को पदोन्नत किया जा चुका है जबकि 1991 व 1995 बैच के अधिकारी पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे है। दो माह तक पदोन्नति की प्रतीक्षा करने के बाद जयदीप प्रसाद प्रतिनियुक्ति पर जाकर केन्द्र में डीआईजी बन गए। पहली बार किसी आईपीएस अधिकारी को केन्द्र में पदोन्नति मिली है। चंचल शेखर भी पदोन्नति से पहले केन्द्र में जा सकते हैं। डीआईजी योगेश मुदगल पदोन्नति की प्रतीक्षा करने के बाद रा में प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की व्यस्तता के कारण पुलिस विभाग की पदोन्नति व तबादला सूची लगातार टलती जा रही है। आधा दर्जन से अधिक बार समय तय किए जाने के बाद भी मुख्यमंत्री के साथ बैठक नहीं हो सकी। यदि एक दो दिन में बैठक नहीं हुई तो पदोन्नति व फेरबदल का मामला विधानसभा सत्र तक के लिए टल सकता है।
सूत्रों का कहना है कि आईपीएस अधिकारियों की पदोन्नति के बाद पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल होगा। चार जोन आईजी, आधा दर्जन रेंज डीआईजी तथा आधा दर्जन जिलों के पुलिस अधीक्षक प्रभावित होंगे। इस कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान काफी सोच समझकर निर्णय लेंगे। पदोन्नति आदेश के बाद आईजी होशंगाबाद स्वर्ण सिंह, डीआईजी ग्वालियर आलोक रंजन, डीआईजी उज्जैन वरूण कपूर, डीआईजी जबलपुर व्ही मधुकुमार बाबू तथा डीआईजी सागर आर के गुप्ता के अलावा अपर परिवहन आयुक्त उपेन्द्र जैन प्रभावित होंगे। इसी तरह एसपी ग्वालियर ए साई मनोहर ,एसपी भिंड चंचल शेखर, एसपी गुना केडीपी राव, एसपी सीधी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, एसपी राजगढ़ श्रीमती आशा माथुर तथा एसपी अलीराजपुर एएस चौधरी को पदोन्नत कर डीआईजी बनाया जा सकता है। आईपीएस अधिकारियों की कमी के कारण राज्य प्रशासनिक सेवा के कुछ और अधिकारियों को जिले की कमान सौंपी जा सकती है। लंबे समय से एसपी बनने की राह देख रही सुश्री एम चैत्रा को जिले की कमान सौंपा जाना तय माना जा रहा है। भोपाल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर को भी एसपी बनाने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि कुछ वरिष्ठ अधिकारी इस बात के पक्षधर हैं कि अतुलकर को अभी और प्रशिक्षण की जरूरत है। इसके पूर्व जल्दबाजी में एसपी बनाए गए आईपीएस अधिकारियों का अनुभव अच्छा नहीं रहा। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार या मंगलवार को पुलिस विभाग की पदोन्नति व तबादले के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर सकते हैं(दैनिक जागरण,भोपाल,15.11.2010)।
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