देश की बीमा कंपनियों पर नकेल कसने का सिलसिला जारी है। ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के मकसद से अब बीमा कंपनियों पर उनके काम को आउटसोर्स करने को लेकर काफी कड़े मानदंड लागू कर दिए गए हैं। बीमा कंपनियों को कहा गया है कि वे बीमा से संबंधित सभी महत्त्वपूर्ण कार्य अपने स्तर पर ही करें, इनको आउटसोर्स नहीं करें। इसकी वजह से बीमा क्षेत्र से संबंधित रोजगार पर फिलहाल विपरीत असर पड़ने की संभावना है। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सोमवार देर रात इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर आउटसोर्सिग कर रही बीमा कंपनियों को जबरदस्त झटका दिया है। बीमा कंपनियों ने इधर अपने अधिकांश कार्य आउटसोर्स करना शुरू कर दिया था। इसमें बीमा उत्पाद बेचने से लेकर बीमा मुआवजे के भुगतान तक का काम आउटसोर्स किया जा रहा था। अब बीमा कंपनियों को ये सारे काम अपने कर्मचारियों से ही करवाने होंगे। जानकारों का कहना है कि इरडा के दिशा-निर्देश से बीमा कंपनियों से जुड़ी सैकड़ों आउटसोर्सिग कंपनियों पर ताला लग जाएगा। चूंकि यह दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है इसलिए ग्राहकों को बीमा भुगतान या पॉलिसियों से जुड़े अन्य कार्यो में परेशानी होने की भी संभावना है। इरडा ने दो तरह की सूची जारी की है। एक सूची में वे कार्य हैं जिन्हें आउटसोर्स नहीं किया जा सकता। इसमें प्रीमियम स्वीकार करने से लेकर सर्वेयर्स आदि तक के सभी महत्त्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। आउटसोर्सिग के लिए सिर्फ टेलीमार्केटिंग, टीडीएस फाइलिंग, एचआर सेवा जैसी कुछ छोटी-मोटी सेवाएं बची हैं। लेकिन इरडा ने साफ कर दिया है कि आउटसोर्सिग का मतलब यह नहीं हुआ कि ग्राहकों को अगर कोई समस्या होती है तो उसकी जिम्मेदारी सिर्फ आउटसोर्सिग कंपनी की होगी। ग्राहकों की समस्या के लिए बीमा कंपनी को भी पूरी तरह से जिम्मेदार माना जाएगा। अगर आउटसोर्सिग कंपनी की वजह से ग्राहकों को हानि हुई है तो उसकी भरपाई बीमा कंपनी को ही करनी होगी। सभी बीमा कंपनियों को यह कहा गया है कि वे अपने यहां आउटसोर्सिग की नीति बनाएं और इसे निदेशक बोर्ड से पारित करवाएं। सभी निदेशकों को यह लिखित में देना होगा कि जिस कंपनी से आउटसोर्स किया जा रहा है उसके साथ वे किसी भी तरह से संबंधित नहीं हैं। बताते चलें कि इस वर्ष बीमा कंपनियों पर अंकुश लगाने की यह तीसरी घटना है। इसके पहले इरडा बीमा कंपनियों पर यूलिप और उनके कारोबार से जुड़े जोखिम को लेकर दो बार विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,10.11.2010)।
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