भ्रष्टाचार और घोटालों के देशव्यापी शोर के बीच कहीं कुछ हो या न हो, लेकिन सरकार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) के निलंबित चेयरमैन की बर्खास्तगी की तैयारी में है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एआइसीटीइ में धन के लेन-देन के मामले में सीबीआई जांच में फंसे पूर्व चेयरमैन को आरोप पत्र भेजकर जवाब तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित चल रहे एआइसीटीइ के चेयरमैन आरए यादव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी हरी झंडी दे दी है। उसके बाद मंत्रालय ने उन्हें आरोप पत्र भेजकर उनसे जवाब मांगा है। यादव पर आरोप है कि 2008-09 के दौरान फरीदाबाद स्थित एक प्राइवेट उच्च तकनीकी संस्थान में दाखिले की सीटों को बढ़ाने के लिए लाखों रुपये मांगे जाने की शिकायत पर भी उन्होंने कार्रवाई नहीं की। जबकि खुद मंत्रालय ने शिकायत मिलने पर उसे कार्रवाई के लिए चेयरमैन के पास भेजा था। बाद में हुई बैठक में मंत्रालय के अधिकारियों को भी उन्होंने गुमराह किया। इतना ही नहीं, संबंधित उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन ने खुद एआइसीटीइ चेयरमैन से मिलकर उन्हें बताया कि परिषद के चंडीगढ़ स्थित कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी व दिल्ली स्थित एआइसीटीइ मुख्यालय में तैनात दो अन्य अधिकारी दाखिले की सीटों को बढ़ाने के लिए उनसे 15 लाख रुपये मांग रहे हैं। बताकर उसे हतोत्साहित किया गया। सूत्रों के मुताबिक इन मामले को लेकर सीबीआई जांच चल रही है। वह अपना काम करेगी, लेकिन सुबूतों व गंभीर आरोपों के मद्देनजर मंत्रालय ने विभागीय कार्रवाई की औपचारिकताएं शुरू कर दी हैं। तत्कालीन चेयरमैन को आरोप पत्र भेजा जा चुका है। जवाब आने के बाद आगे की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी(दैनिक जागरण,दिल्ली ,२७.११.२०१०)।
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