कर्मचारियों के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है कि जो एमपी जाना या वहां से छत्तीसगढ़ आना चाहते हैं। शासन ने आपसी रजामंदी से तबादला चाहने वालों के लिए अगले साल मार्च तक छूट देने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने कर्मचारियों की पारिवारिक कठिनाइयों को देखते हुए एक और मौका मार्च 2011 तक देने का फैसला किया है। इसके बाद मिलने वाले आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
यह अवधि आखिरी बार 30 जून 2010 को बढ़ाई गई थी। सामान्य प्रशासन विभाग के राज्य पुनर्गठन प्रकोष्ठ ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। अतिरिक्त सचिव ए.के. टोप्पो ने अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, राजस्व मंडल के अध्यक्ष, कमिश्नरों, विभागाध्यक्षों व कलेक्टरों को पत्र जारी किया है।
नवंबर 2000 में मध्यप्रदेश के विभाजन और छत्तीसगढ़ के अस्तित्व में आने के बाद कर्मचारियों को यह सुविधा दी गई थी कि वे दोनों में से जिस राज्य में रहना चाहते हैं इसका विकल्प दें।
कर्मचारियों की सुविधा और सरकार की जरूरत के अनुसार ज्यादा से ज्यादा लोगों को एडजस्ट किया गया। बाद में समान कैडर के कर्मचारियों को आपसी रजामंदी से एमपी से सीजी और सीजी से एमपी आने-जाने की छूट भी दी गई।
अब भी दर्जनों आवेदन विभिन्न विभागों में लंबित हैं। जानकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं और पदोन्नतियों को देखते हुए एमपी से कई कर्मचारी यहां आने के इच्छुक हैं(दैनिक भास्कर,रायपुर,21.11.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।