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09 नवंबर 2010

बरकतउल्ला विविःमैनेजमेंट है मिसमैनेज्ड

मैनेजमेंट यानि काम को सही ढंग से करने की कला। मगर मैनेजमेंट का मामला बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का हो, तो मायने ही बदल जाते हैं। हम बात कर रहे हैं विवि के प्रबंधन कोर्स में चल रही लापरवाही की। आलम यह है कि दो साल में पूरी होने वाली एमबीए की डिग्री में बीयू में तीन साल लग रहे हैं। आखिर छात्रों का एक साल बीयू का प्रबंधन बरबाद होते क्यों देख रहा है। अब बीयू के प्रबंधन के बारे में यही कहा जा सकता है कि डिग्री देने से पहले वह स्वयं मैनेजमेंट सीखे। सेमेस्टर का मतलब होता है छ: माह का एक सत्र, लेकिन बरकतउल्ला में चल रहे एमबीए का सेमेस्टर कुछ अलग ही ढंग से चलता है। तभी तो सेमेस्टर की जो परीक्षाएं जून में होना थीं, वह अब 9 नवम्बर से शुरू होंगी। विश्वविद्यालय तो सिर्फ कुछ महीने लेट परीक्षा करा रहा है, लेकिन इससे छात्रों का तो पूरा साल ही खराब हो रहा है। प्लेसमेंट की बात हो या जॉब की या फिर आगे स्टडी की आखिर परेशान तो छात्र ही होंगे। सेशन हुए लेट बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के 2008 बैच में जिन छात्रों ने एडमीशन लिया, उनका सत्र नियमों के अनुसार जून 2010 में समाप्त हो जाना चाहिए था, क्योंकि यह कोर्स दो वर्ष के लिए होता है। जबकि इन स्टूडेन्ट के एग्जाम इसी माह 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक चले हैं। इसी तरह 2009 के बैच में एडमीशन लिए छात्रों के सेकेण्ड सेमेस्टर के एग्जाम 9 नवम्बर से शुरू होंगे। इस तरह लेट परीक्षाएं होंगी, तो रिजल्ट भी लेट ही आएगा और दो साल में पूरी होने वाली डिग्री लगभग तीन साल तो ले ही लेगी। नौकरी भी मिलेगी देरी से एमबीए में एडमीशन लेते वक्त बेहतर नौकरी के सपने संजोने वाले युवाओं को क्या पता था कि उनके साथ यह स्थिति बनेगी। एमबीए के चौथे सेमेस्टर के एक छात्र ने बताया कि सेशन लेट होने से अब प्लेस्मेन्ट भी लेट ही होगा। इसके अलावा सरकारी नौकरियों में पीजी कंप्लीट न होने के कारण भी ये स्टूडेन्ट एप्लार्ई नहीं कर सके। इस बारे में नाम न छापने की शर्त पर एमबीए के एक छात्र ने बताया कि अभी बीच में कुछ वेकेन्सी निकली हुई थीं। मैं एप्लाय करना चाहता था लेकिन डिग्री कंप्लीट नहीं होने के कारण नहीं कर सका। कर्ज चुकाने की भी समस्या शहर के कॉलेजों से एमबीए कर रहे बहुत से स्टूडेन्ट ऐसे भी हैं, जो आर्थिक रूप से संपन्न नहीं हैं, लेकिन कर्ज लेकर इन कोर्स में अध्ययन कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते थे कि कोर्स के बाद जॉब लगते ही आसानी से अपना कर्ज चुका सकेंगे। ऐसे ही एक स्टूडेन्ट ने हमें बताया कि मेरे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, कर्ज लेकर एमबीए कर रहा था। सोचा था कि जल्दी ही नौकरी लगते ही घर में कुछ मदद कर सकूंगा, लेकिन यह इतना आसान नहीं लग रहा। आगे की शिक्षा कैसे हो पूरी जो बच्चे एमबीए के बाद भी एमफिल या दूसरे किसी कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं, उन्हें भी इसके लिए पूरे एक साल तक इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि डिग्री जब तक नहीं आती एडमीशन कैसे मिल सकेगा। एमबीए की एक स्टूडेन्ट ने हमें बताया कि मैं आगे स्टडी के लिए एप्लाई करना चाह रही थी, लेकिन अभी हमारे एग्जाम हुए हैं, डिग्री कब आएगी पता नहीं। डिग्री के कारण अब पूरे एक साल का इंतजार मुझे करना पड़ेगा(दैनिक जागरण,भोपाल,9.11.2010)।

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