भारतीय प्रशासनिक सेवा के सर्वाधिक अधिकारियों वाले स्कूल शिक्षा विभाग में आईएएस का एक और पद बढ़ने जा रहा है। एससीईआरटी को स्वतंत्र निकाय बनाने में जुटे राज्य शासन द्वारा इसकी कमान आईएएस को सौंपा जाएगा। इसके साथ ही विभाग में दस से अधिक आईएएस हो जाएंगे। केबिनेट द्वारा नए सेटअप को मंजूर भी दे दी गई है। इसके लागू होते ही स्कूली शिक्षकों के लिए भी पदोन्नति के कई पद बढ़ जाएंगे। राज्य मंत्रिपरिषद ने प्रशिक्षण संस्थाओं के लिए बनाए गए नए सेटअप के साथ ही 1004 पद भी मंजूर किए हैं। इसमें संचालक एससीईआरटी का पद आईएएस का होगा। जबकि डाइट कैडर में आने वाले शिक्षकों को अतिरिक्त संचालक तक बनने का मौका मिल सकेगा। इन संस्थाओं के लिए यह तीसरा सेटअप है। वर्ष 2002 में तैयार किया गया सेटअप तो आठ साल इंतजार के बाद बिना लागू हुए ही निरस्त कर दिया गया है। दिसंबर में इसे निरस्त करने का आदेश शासन द्वारा जारी करते ही पीडि़त शिक्षक अदालत चले गए थे। इसके चलते करीब आठ माह इंतजार के बाद शासन ने तीसरा सेटअप लागू किया है। इस नए सेटअप में निचले स्तर के पदों से पूरी तरह किनारा कर लिया गया है। अब केवल हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों के शिक्षक ही डाइट कैडर में आ सकेंगे। नए सेटअप में प्रशिक्षण संस्थाओं में न्यूनतम पद व्याख्याता का रखा गया है। जबकि पुराने सेटअप में कनिष्ठ व्याख्याता का पद भी शामिल था। वहीं प्रवाचक के पद भी नहीं रखे गए हैं।
अब चलेगा पदोन्नति का दौर :
नया सेटअप मंजूर होते ही एससीईआरटी में पदोन्नति का सिलसिला शुरू किया जाएगा। इसकी शुरूआत पूर्व में डाइट कैडर में आने का विकल्प दे चुके व्याख्याताओं से की जाएगी। वर्तमान में करीब 250 शिक्षकों ने डाइट कैडर का विकल्प दिया था। इनकी पदोन्नति की कार्रवाई अंतिम दौर में हैं। इन सभी को वरिष्ठ व्याख्याता और सहायक प्राध्यापक के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। वहीं प्राचार्य भी इसमें लाभांवित हो सकते हैं। सूत्रों की मानें तो अगले दो माह में व्याख्याताओं की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी।
सीधी भर्ती भी होगी शुरू :
डाइट कैडर के न्यूनतम पद व्याख्याता के लिए प्रदेश में सीधी भर्ती का अभियान चलाया जाएगा। इस सेटअप में सभी प्रशिक्षण संस्थाओं के लिए व्याख्याता के 407 पद रखे गए हैं। इन पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा। यह प्रक्रिया भी दो-तीन माह में शुरू की जाएगी। सीधी भर्ती मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी। वहीं डाइट कैडर में आने के लिए स्कूली शिक्षकों से भी नए सिरे से विकल्प मांगे जाएंगे। यह प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है(प्रवीण शर्मा,दैनिकजागरण,भोपाल,14.11.2010)।
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