इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने संघटक डिग्री कालेजों को दीपावली का तोहफा दिया है। विश्वविद्यालय ने इन कालेजों के शिक्षकों को पीएचडी इन्क्रीमेन्ट की सुविधा उपलब्ध करा दी है। कुलपति प्रो. केजी श्रीवास्तव ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। इसमें इन सभी शिक्षकों को दो-दो इन्क्रीमेन्ट दिया गया है। लगभग बारह साल से इसका इंतजार कर रहे डिग्री कालेजों के शिक्षकों को इससे वेतन में सालाना 12 हजार से अधिक का फायदा होने का अनुमान है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शिक्षकों में शोध वृत्ति बढ़ाने के लिए पीएचडी करने वाले लेक्चरर को पीएचडी इन्क्रीमेन्ट देने की योजना शुरू की थी। यह योजना वर्ष 1998 में शुरू की गई थी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में तो इस योजना को लागू कर दिया गया था पर इससे जुड़े संघटक महाविद्यालयों के शिक्षकों को यह सुविधा नहीं दी गई थी। मामला राज्य सरकार व महाविद्यालय प्रबंधकों के बीच अटका पड़ा था। अधिकारियों की माने तो सितंबर 2009 में तत्कालीन कुलपति प्रो. राजेन हर्षे के निर्देश पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से पीएचडी इन्क्रीमेन्ट देने का निर्देश दिया गया था, पर बाद में इसे वापस ले लिया गया था। बहरहाल अब संघटक महाविद्यालयों को यह सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। कुलपति प्रो. के जी श्रीवास्तव ने बताया कि आज करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद इस मुद्दे पर आ रही आपत्तियों को निस्तारित कर दिया गया है(दैनिकजागरण,इलाहाबाद,4.11.2010)।
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