पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की व्यवस्था बुरी तरह चरमरा चुकी है। नियमित मूल्यांकन में तो लापरवाही हो ही रही है, पुनमरूल्यांकन में भी कापियां चेक नहीं हो पा रही हैं।
अभिषेक गुप्ता व एक छात्रा के मामले ने इस बदहाली की कलई खोलकर रख दी है।छात्र अभिषेक गुप्ता यूनिवर्सिटी की अध्ययनशाला मे बीएएलएलबी का छात्र है। 2009-10 में उसने प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दी थी।
कुछ महीनों बाद नतीजा निकला तो उसे इतिहास में 2 अंक और दर्शनशास्त्र में 5 अंक से फेल घोषित कर दिया गया। छात्र ने फिर दोनों विषयों में रीवैल्यूएशन के लिए आवेदन किया। कापियां फिर से जंचने के बाद भी रिजल्ट नो चेंज दिखाया गया। अंत में छात्र ने दोनों उत्तर पुस्तिकाएं निकलवाईं।
उत्तरपुस्तिका देखने पर पता चला कि इतिहास में यूनिट तीन और चार और दर्शनशास्त्र में यूनिट पांच में कोई नंबर ही नहीं दिया गया है। हर यूनिट २क् अंक की थी। इस चक्कर में दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा भी उसके हाथ से निकल गई। छात्र ने जब रविवि प्रशासन से गुहार लगाई तो उसे संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
रविवि के इन मामलों से उसके मूल्यांकन के स्तर पर सवाल उठने लगे हैं। क्या पुनर्मूल्यांकन में कापियों की दोबारा जांच नहीं होती? होती है तो फिर यह चूक हुई कैसे? ऐसे और कितने छात्र हैं जो विवि की गलती को अनजाने में भुगत रहे हैं?
केस -1
बीएएलएलबी के छात्र अभिषेक गुप्ता को इतिहास और दर्शनशास्त्र दो पेपर में रविवि ने फेल घोषित कर दिया। छात्र ने दोनों का पुनमरूल्यांकन करवाया मगर इससे रिजल्ट में बदलाव नहीं हुआ। अंत में उसने उत्तरपुस्तिका निकलवाई तो पता चला कि कापियां तो पूरी जंची ही नहीं हैं।
केस -2
रविवि की एक अन्य छात्रा को कुल अंक में निर्धारित अंक नहीं लाने के कारण फेल घोषित कर दिया गया। छात्रा ने पुनमरूल्यांकन के लिए फार्म भरा। पुनमरूल्यांकन का परिणाम आया लेकिन अंकों में कोई बदलाव नहीं हुआ। छात्रा ने कापियां निकलवाईं तो पता चला कि अंक तो दिए गए हैं लेकिन उसे जोड़ा नहीं गया है।
रीवैल्यूएशन के बाद अब होगा सुपर रीवैल्यूएशन
परीक्षा के नतीजे घोषित होने के बाद यदि कोई छात्र अपने नंबर से संतुष्ट नहीं है तो वह रीवैल्यूएशन की मांग कर सकता है। रीवैल्यूएशन अधिकतम दो पेपर मे हो सकता है। इसके लिए छात्र को विवि द्वारा निर्धारित शुल्क देने होते हैं।
रीवैल्यूएशन के बाद भी कोई छात्र अपने अंक से संतुष्ट नहीं है, तो वह उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी निकाल सकता है व फिर से सुपर रीवैल्यूएशन के लिए डाल सकता है(सुधीर उपाध्याय,दैनिक भास्कर,रायपुर,8.11.2010)।
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