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04 नवंबर 2010

घट न जाए लखनऊ विवि का नैक ग्रेड!

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने लखनऊ विश्वविद्यालय की ग्रेडिंग समाप्त कर दी है। नई ग्रेड के लिए पुनर्मूल्यांकन होना है लेकिन लविवि इसके लिए तैयार नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से फंड न रुके इसके लिए पुनर्मूल्यांकन जल्द कराने की तलवार लटक रही है वहीं वर्तमान परिस्थितियों में नैक ग्रेडिंग कराना अधिकारियों के लिए टेढ़ी खीर है। नैक सात प्रमुख बिन्दुओं को आधार मानते हुए मूल्यांकन करता है। इसमें पाठ्यक्रम, पठन-पाठन एवं मूल्यांकन, शोध, बुनियादी सुविधाएं एवं संसाधन, छात्र-छात्राओं का विवि की प्रगति में योगदान, नेतृत्व, नई तकनीक और सोच के साथ आगे बढ़ना प्रमुख रूप से शामिल हैं। पिछले वर्ष नैक ने विश्वविद्यालय को चार सितारा ग्रेड दिया था। हालांकि नैक ने कई कमियों को दूर करने के लिए निर्देश भी दिये थे। इसमें पहली प्राथमिकता थी विश्वविद्यालय के हर विभाग को कम्प्यूटरीकृत एवं इंटरनेट से जोड़ना। इसके अतिरिक्त आंतरिक गुणवत्ता कमेटी बनाना, कैम्पस को साफ-सुथरा और हरा-भरा रखना, विद्यार्थियों का प्लेसमेंट बेहतर करना और उनको बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना नैक द्वारा दिये गए प्रमुख सुझाव थे। लविवि और राजधानी के दो कॉलेजों द्वारा समय पर मूल्यांकन न कराने के कारण नैक ने ग्रेडिंग समाप्त कर दी है। नैक ने निर्देश भी जारी कर दिये हैं कि जल्द ही पुनर्मूल्यांकन न कराने पर यूजीसी द्वारा दिया जाने वाला अनुदान व फंड रुक जाएगा। लविवि प्रशासन का कहना है कि दिसंबर में ग्रेडिंग की प्रक्रिया शुरू होनी है। लविवि का ग्रेड इस बार और बेहतर हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है(दैनिक जागरण,लखनऊ,4.11.2010)।

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