माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा 2011 के लिए केंद्र निर्धारण नीति में एक बार फिर परिवर्तन किया है। विभाग ने इस साल एक बार नए मान्यता प्राप्त विद्यालयों को भी केंद्र बनाने की स्वीकृति दे दी है। विभाग ने इसके साथ ही अनुदानित व राजकीय विद्यालयों में छात्रों की अधिकतम संख्या भी एक हजार से बढ़ा कर 1200 कर दी है। इन परिवर्तनों के साथ नई केंद्र निर्धारण नीति एक बार फिर पिछले साल की तर्ज पर पहुंच गई है। इस नई नीति में एक माह में ही दो बार परिवर्तन हो चुके हैं। प्रदेश में पिछले साल तक सभी विद्यालयों को केंद्र बनाया जा सकता था व इनमें अधिकतम एक हजार छात्र आवंटित करने की व्यवस्था लागू थी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नकल पर रोक लगाने के लिए इस साल केंद्र निर्धारण नीति में परिवर्तन किए थे। इसमें अधिकांश केंद्र राजकीय व अनुदानित विद्यालयों में स्थापित करने, कम से कम दो बार बोर्ड परीक्षा कराने वाले वित्तविहीन विद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाने आदि की व्यवस्था की गई थी। यह अलग बात है कि काफी जोरशोर के साथ किए गए इन परिवर्तनों को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अब वापस ले लिया है। नए वित्त विहीन विद्यालयों के भारी दबाव में नई नीति में की गई व्यवस्थाएं अब समाप्त हो गई हैं। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब सभी विद्यालय केंद्र बनाए जा सकते हैं। साथ ही राजकीय व अनुदानित विद्यालयों में अब न्यूनतम पांच सौ जबकि अधिकतम 1200 छात्रों का केंद्र बनाया जा सकता है। नहीं बढ़ी अंतिम तिथि माध्यमिक शिक्षा विभाग ने केन्द्र निर्धारण नीति में एक बार फिर परिवर्तन कर दिया है। यह अलग बात है कि इन परिवर्तनों को लागू करने के लिए केन्द्र निर्धारण की अंतिम समय सीमा नहीं बढ़ाई गई है(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,14.11.2010)।
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