चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा लागू की गई सेमिस्टर प्रणाली स्नातकोत्तर छात्रों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। दिसंबर माह में सेमिस्टर परीक्षाएं होनी हैं लेकिन नए कोर्स की किताबें अभी तक बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। कॉलेजों द्वारा छात्रों को कोर्स पूरा करने के प्रयास जरूर किए जा रहे हैं लेकिन कॉलेज से अक्सर अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के लिए परीक्षाओं में मुसीबत खड़ी हो सकती है।
विश्वविद्यालय द्वारा स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए इस सत्र से सेमिस्टर प्रणाली लागू की गई है। कोर्स में भी बदलाव किया गया है। शिक्षाविदें की नजर में यह प्रणाली कारगर व प्रभावी जरूर है। लेकिन फिलहाल छात्रों के लिए यह सिरदर्द बनी हुई है। दिसंबर माह में पहले सेमिस्टर की परीक्षाएं होनी हैं। लेकिन समस्या यह है कि नए कोर्स की अधिकतर किताबें अभी बाजार में आई ही नहीं है। ऐसे में छात्रों के समक्ष यह परेशानी आ रही है कि परीक्षाओं की तैयारियां किस प्रकार की जाएं। कॉलेजों में इस समय आंतरिक परीक्षाएं चल रही हैं। इन परीक्षाओं में भी इस प्रकार की समस्या समाने आ रही हैं। हालांकि कालेजों द्वारा छात्रों की इस समस्या का हल करने के लिए अपने स्तर से कोर्स पूरा करने की कवायद जरूर की जा रही है। लेकिन जो छात्र कक्षाओं में अधिकतर अनुपस्थित रहते हैं उनके लिए परेशानी और बढ़ गई है। जबकिस्नातकोत्तर कक्षाओं में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों की संख्या काफी अधिक है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एसएसवी कॉलेज में चल रही आंतरिक परीक्षाओं में 30 प्रतिशत से अधिक छात्र अनुतीर्ण चल रहे हैं। छात्रों का कहना है कि अधिकतर विषयों की किताबें न होने के कारण तैयारी में परेशानी आ रही है। विश्वविद्यालय द्वारा किताबें मुहैया कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। इस स्थिति से छात्रों को मुख्य परीक्षाओं में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
इस संबंध में एसएसवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र कुमार का कहना है कि छात्रों के समक्ष कुछ परेशानी जरूर आ रही है। लेकिन कक्षाओं में इस समस्या को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। जो छात्र अनुपस्थित चल रहे हैं उन्हें दिक्कत जरूर हो सकती है(दैनिक जागरण,हापुड़,30.11.2010)।
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