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09 नवंबर 2010

मध्यप्रदेशःविकलांग छात्रों को मिलेगा टीए-डीए

कर्मचारियों के समान अब विद्यार्थियों को भी जीवन निर्वाह व परिवहन भत्ता दिया जाएगा। अंतर केवल इतना है कि छात्र-छात्राओं को पूरे साल यह भत्ते मिलेंगे। कंप्यूटर व मैनेजमेंट की शिक्षा से निशक्त छात्र-छात्राओं को जोड़ने के लिए यह विशेष योजना केवल प्रदेश के कालेजों में चलेगी। इसके तहत प्रत्येक निशक्त विद्यार्थी को प्रतिमाह दो हजार रुपए का भत्ता दिया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग की इस नई योजना का लाभ प्रदेश के निशक्त विद्यार्थियों को इसी शैक्षणिक सत्र से मिल सकेगा। हाल ही में केबिनेट द्वारा मंजूर इस योजना के तहत उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हर साल अधिकतम दो हजार छात्र-छात्राओं को इसका लाभ दिया जाएगा। इस योजना से जुड़ने के लिए कंप्यूटर और मैनेजमेंट पाठ्यक्रम में प्रदेश के किसी सरकारी कालेज में प्रवेश लेना जरूरी होगा। खासबात यह है कि ऐसे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों का सरकारी नौकरी में होना जरूरी नहीं है। वहीं सालाना आय भी एक लाख रुपए तक चलेगी। आय का प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा बना होना चाहिए। पहले ही साल में प्रदेश के दो हजार निशक्त छात्र-छात्राओं को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। शासन ने जीवन निर्वाह भत्ता तो सभी क्षेत्रों के लिए एक समान 1500 रुपए रखा है, जो दस माह तक मिलेगा। मगर परिवहन भत्ता नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्र में अलग-अलग रहेगा। नगर निगम क्षेत्र में प्रतिमाह 500 रुपए जबकि नगर पालिका क्षेत्र में यह राशि 300 रुपए अधिकतम होगी। इसलिए बनाई योजना : बीबीए, बीसीए, एमसीए, एमबीए सहित बीकॉम कंप्यूटर, बीए मैनेजमेंट आदि के जरिए कंप्यूटर और मैनेजमेंट से संबंधित रोजगार में विकलांग युवा भी आसानी से जुड़ सकते हैं। इस संभावना को देखते हुए शासन ने अधिक से अधिक निशक्त युवाओं को अवसर प्रदान किया है। अगले सत्र से लाभांवितों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। जानकारों की मानें तो इससे लगभग दम तोड़ रहे एमसीए और एमबीए को नई जान मिल सकती है। जीवन निर्वाह और परिवहन भत्ता मिलने से निशक्त और गरीब छात्र भी इनकी ओर आकषिर्त हो सकते हैं(दैनिक जागरण,भोपाल,9.11.2010)।

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