अब कामचोरी नहीं चलेगी। हर रेलकर्मियों को काम करना पड़ेगा। रेल प्रशासन ने दिनभर कुर्सी तोड़ने और सिर्फ हाजिरी बनाकर घूमने वालों को संज्ञान में लेना शुरू किया है। ऐसे विभागों की पहचान होगी, जहां काम ही नहीं है और कर्मचारियों की संख्या अधिक है। प्रशासन ऐसे विभागों की पहचान कर पदों का अभ्यर्पण कर सरप्लस कर्मचारियों को दूसरे विभाग में भेजने का मन बनाया है। जहां भरपूर काम होगा। इस प्रक्रिया के लिए कार्यवाही शुरू हो गयी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रेल प्रशासन ने ऐसे विभाग की पहचान करने जा रही है जहां काम नहीं के बराबर है और कर्मचारियों की संख्या अधिक है। यही नहीं ऐसे कर्मचारी भी चिन्हित किये जायेंगे जिनके पास करने के लिए कुछ भी नहीं है। काम नहीं होने के चलते वह आफिस आते हैं, हाजिरी लगाते हैं, कुर्सी पर बैठे रहते हैं या गप्प मारते हैं। इनकी अब खैर नहीं। उन्हें अब पूरा काम करना होगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उसने कहा है कि जीएम के अधीन कार्यालय स्थित कार्य कुशलता अधिकारी की देखरेख में चयनित टीम ऐसे विभाग की पहचान करेगी जहां काम कम है और कर्मचारी अधिक हैं। बोर्ड ने ऐसे विभाग की भी पहचान करने का निर्देश दिया है जहां कार्य अधिक है और कर्मचारी कम हैं। उसका कहना है कि जहां काम नहीं है वहां के कर्मचारियों को काम वाले विभागों में भेजा जाये। टीम ही विभाग और पदों की पहचान कर रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट के आधार पर ही अगली कार्यवाही की जायेगी। बोर्ड का कहना है कि दूसरे विभागों में भेजे जाने के बाद रिक्त पदों का सरेंडर अभ्यर्पण कर दिया जायेगा। इस बात की पुष्टि करते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अमित सिंह ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने हर रेलवे को सरप्लस कर्मचारियों को दूसरे विभागों में भेजने का निर्देश दिया है। दूसरी तरफ पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के सहायक महामंत्री नसीमुर्रहान का कहना है कि रेलवे विभाग का यह कहना गलत है कि कर्मचारियों की अधिकता है, यहां तो कर्मचारियों की कमी है। रेलवे खुद बाहरी लोगों से ठेके पर काम करा रहा है, जिससे उनकी जवाबदेही नहीं होने के चलते रेल संचलन और छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है(दैनिक जागरण,गोरखपुर,6.11.2010)।
रेलवे में बेवकूफों और लाल फितासाही के जरिये अपनी कमाई करने वाले अधिकारीयों की कमी नहीं है इसलिए ऐसे प्रयोग कर भ्रष्टाचार के जरिये छोटे कर्मचारियों से रिश्वत लेने का खेल खेला जाता है .....असल जमीनी स्तर पर आलम यह है की रेलवे में हर विभाग में कर्मचारियों की कमी से तथा जो हैं उनके निकम्मेपन की वजह से आये दिन यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं का स्तर गिरता जा रहा है और यात्रियों के शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होती है | अतः रेलवे में इन कर्मचारियों से काम करवाने और उनकी जिम्मेवारी की निगरानी करने वाले निरीक्षक स्तर के अधिकारीयों और समुचित मात्रा में योग्य कर्मचारियों की भर्ती करने की जरूरत है ना की छटनी करने की ......
जवाब देंहटाएंआनेस्टी जी की बात से पूरी तरह सहमत..
जवाब देंहटाएंयह एक सही क़दम लग रहा है।
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