दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है। चार साल पूर्व गठित दिल्ली हेल्थ सर्विस (डीएचएस) के तहत डॉक्टरों की बहाली शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार के सीएचएस (सेंट्रल हेल्थ स्कीम) कैडर के ७४३ डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है, लेकिन दिल्ली सरकार के करीब ४५० डॉक्टर अभी भी प्रतीक्षारत हैं। वास्तव में दिल्ली सरकार के डॉक्टरों के लिए ही डीएचएस का गठन हुआ था, लेकिन बहाली में उन्हें ही पीछे छो़ड़ दिया गया है। इससे डॉक्टरों में अनिश्चितता बरकरार है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली में वर्ष २००६ में डीएचएस कैडर अस्तित्व में आया था। इससे पहले दिल्ली सरकार का अपना कोई हेल्थ कैडर नहीं था। दिल्ली सरकार व उसके अस्पतालों में जितने भी डॉक्टर काम कर रहे हैं वे सभी सीएचएस व नॉन सीएचएस कैडर के तहत आते हैं। डीएचएस के गठन के बाद दिल्ली सरकार को सीएचएस व नॉन सीएचएस कैडर को इसमें समाहित करना था। इस बारे में डॉक्टरों में रायशुमारी भी कराई गई, जिसमें से करीब २० प्रतिशत डॉक्टरों ने अपने मूल कैडर में जाने की बात कही, लेकिन ८० फीसदी डॉक्टरों ने डीएचएस के तहत काम करना स्वीकार किया। यूपीएससी ने दिल्ली सरकार से उन डॉक्टरों के नाम भी मांगे, लेकिन सरकार ने सालों डॉक्टरों के नाम की सूची यूपीएससी को नहीं दी।
सूचना के मुताबिक पिछले सप्ताह डीएचएस के तहत कार्यरत ७४३ सीएचएस डॉक्टरों की बहाली की प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हुआ है। इसमें सीएचएस ने सभी ७४३ डॉक्टरों को अपने कैडर से मुक्त कर दिया ताकि वे डीएचएस कैडर में समाहित हो सकें। लेकिन जिन दिल्ली के डॉक्टरों के लिए डीएचएस का गठन किया गया था, उनके लिए दिल्ली सरकार में कोई सुगबुगाहट ही नहीं है। नॉन सीएचएस कैडर के तहत दिल्ली सरकार के करीब ४५० डॉक्टर आते हैं। सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं आने को लेकर इस कैडर के डॉक्टरों में असमंजस की स्थिति है। एक डॉक्टरके मुताबिक डॉक्टर असमंजस में हैं और उन्हें थो़ड़ा दुख भी है। जिनके लिए डीएचएस का गठन किया गया था, उन्हें ही पीछे छो़ड़ दिया गया है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली के ३१ अस्पतालों में जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर का स्वीकृत पद १२२८ है। इसमें से केवल ९१७ पद ही भरे हैं। ३११ डॉक्टरों का पद खाली प़ड़ा है। इसके अलावा टीचिंग व विशेषज्ञ डॉक्टरों का स्वीकृत पद करीब ५०० है, जिसमें से करीब २५० पद खाली प़ड़े हुए हैं। दिग्विजय यज्ञ नामक स्वयंसेवी संगठन से प्राप्त आरटीआई के मुताबिक दिल्ली में मेडिकल ऑफिसर की आखिरी नियुक्ति वर्ष २००८ में हुई थी। ये डॉक्टर भी सीएचएस व नॉन सीएचएस कैडर से लिए गए थे(संदीप देव,नई दुनिया,दिल्ली,29.11.2010)।
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