नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) ने दुनिया भर में अपने नेटवर्क को और मजबूत करते हुए न्यूजीलैंड के साथ एमओयू समझौता साइन किया है। एनआईओएस की 22वीं स्थापना दिवस के अवसर पर किए गए इस समझौते में 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स को एक-दूसरे देशों में ओपन लर्निंग के जरिए टेक्निकल और प्रफेशनल एजुकेशन दिलवाने की बात कही गई है। समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए एनआईओएस के चेयरमैन डॉक्टर सितांशु शेखर जैना ने इसे डिस्टेंस एजुकेशन के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया। वहीं ओपन पॉलिटेक्निक ऑफ न्यूजीलैंड कीइग्जेक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. कैरोलीन सीलिज ने समझौते पर खुशी जाहिर करते हुए इसे भारत और न्यूजीलैंड के बीच शैक्षिक क्षेत्र में बढ़ रहे सहयोग का बेहतरीन उदाहरण बताया।
डॉ. जैना ने कहा कि जो बच्चे किन्हीं वजहांे से रेग्युलर एजुकेशन लेने से छूट गए हैं, उनके लिए ओपन लर्निंग सिस्टम मार्गदर्शक का काम कर रहा है। इसकी सफलता का पता इसी से चलता है कि आज एनआईओएस स्कूली बच्चों को एजुकेशन दिलवाने के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा संस्थान बन गया है। वर्तमान में इसके अंतर्गत 4 हजार स्टडी सेंटर संचालित हो रहे हैं और जिनमें देश भर से 19 लाख स्टूडेंट्स अपने-अपने विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं। अब देश की सीमाओं के अलावा संस्थान विदेशों में भी अपने पांव मजबूत करने में लगा हुआ है। न्यूजीलैंड के साथ हुआ समझौता इसी सकारात्मक सोच का परिणाम है। इस समझौते का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि दोनों देशों के बच्चे ओपन लर्निंग सिस्टम के जरिए एक-दूसरे के कोर्स करिकुलम में एडमिशन ले सकेंगे। इससे पहले एनआईओएस अन्य देशों के साथ भी समझौतों का अंतिम रूप दे चुका है। जिसका सुखद परिणाम संस्थान की कार्यप्रणाली और स्टूडेंट्स की बढ़ती तादाद के रूप में सामने आ रहा है(नवभारत टाइम्स,नोएडा,26.11.2010)।
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