दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) स्कूल में पढ़ने वालों लाखों बच्चों को किताबी ज्ञान से इतर नैतिक शिक्षा की पढ़ाई कक्षा में टेलीविजन व कंप्यूटर के माध्यम से दी जाएगी। इसकी कवायद गत दो सालों से चल रही थी। लेकिन इलेक्ट्रानिक माध्यम से शिक्षा कैसे दी जाए इसका स्वरूप तय करने में ही लंबा समय लग गया। गत सप्ताह एमसीडी की शिक्षा समिति की बैठक में जब इस बाबत तैयार पूरी योजना के बारे में चर्चा हुई तो समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया। एमसीडी स्कूल में कक्षा एक से पांचवी तक के छात्रों को अभी तक नैतिक शिक्षा पुस्तकों के माध्यम से दी जाती है। मगर देखने में आया कि अगर यही पढ़ाई किताब के बजाए टेलीफिल्म के जरिए कंप्यूटर व टीवी पर छात्रों को दिखाकर कराई जाए तो ज्यादा सरल होगी। एक फिल्म के माध्यम से दी जाने वाली सीख उन्हें ज्यादा आसानी से समझ आएगी और ज्यादा लंबे समय तक याद भी रहेगी। इसे देखते हुए कवायद वर्ष 2008 में शुरू हुई लेकिन समस्या पाठ्यक्रम के मुताबिक बच्चों को दिखाई जाने वाली फिल्म कैसे तैयार की जाए इसमें आई। सलाहकारों की मदद से इसका जब समाधान निकल गया तब जाकर अब एमसीडी स्कूलों के लाखों बच्चों को नैतिक शिक्षा टीवी व कंप्यूटर के माध्यम से देने का फैसला लिया गया है। शिक्षा समिति के चैयरमैन डा.महेंद्र नागपाल के अनुसार देश दुनिया के महापुरुषों की जीवनी में जो भी शिक्षाप्रद बातें होंगी उसे फिल्म के जरिए छात्रों को दिखाया जाएगा। यकीनन इसे आसानी से छात्र समझ पाएंगे। इसके अलावा जीवन उपयोगी अन्य बातें भी छात्रों को बताई जाएगी। एमसीडी के सभी 12 जोन में जितने भी स्कूल हैं सभी में पहले से टेलीविजन व कंप्यूटर हैं इसलिए सिर्फ नैतिक शिक्षा के लिए अलग से कोई तैयारी नहीं करनी पड़ेगी। फिल्में सीडी के जरिए छात्रों को दिखाई जाएगी तो वह भी बनकर तैयार है। नए शिक्षा सत्र से सभी स्कूलों में नैतिक शिक्षा की पढ़ाई सिर्फ टेलीविजन और कंप्यूटर के माध्यम से ही दी जाएगी। ज्ञात हो कि राजधानी के करीब 9.5 लाख बच्चे हैं जो एमसीडी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करते हैं। कक्षा एक से पांचवीं तक की शिक्षा उन्हें मुफ्त दी जाती है(दैनिक जागरण,दिल्ली,28.11.2010)।
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