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14 नवंबर 2010

ऑफिस स्पेस मैनेजमेंट

ऑफिस का माहौल शांत, सुकूनभरा व देखने में जितना आकषर्क होता है, काम करने की इच्छा उतनी ही प्रबल रहती है। पर रोज-रोज ऑफिस के अव्यवस्थित, बंद- बंद माहौल, एक सा इंटीरियर व वातावरण को देखकर मन का ऊब जाना स्वाभाविक है। ऐसे में, काम करने का उत्साह भी धीरे-धीरे कम होता जाता है। अकसर देखा जाता है कि ऑफिस के कई हिस्से यूं ही खाली पड़े रहते है, जिनका कोई इस्तेमाल नहीं होता। हालांकि इस खाली जगह को सही तरीके से ऑग्रेनाइज व मैनेज किया जाए तो कई कार्यों के लिए जगह बनाई जा सकती है। ऑफिस के इन्हीं बेकार व खाली पड़ी जगहों को मैनेज करना, इंटीरियर व साज-सजावट में बदलाव लाना, ऑफिस के लुक को नया रूप-रंग देना, डिफाइनिंग स्पेस, फर्नीचर सेट करना, सही लाइटिंग का प्रबंध करना, सीजनल प्लांट्स को फेंग्शुई आधार पर सजाना आदि कार्य ऑफिस स्पेस मैनेजमेंट के तहत आते है। ऑफिस स्पेस को सही तरीके से उपयोग में लाने का जिम्मा ऑफिस स्पेस मैनेजर का होता है। यदि आप में स्पेस मैनेजमेंट या इंटीरियर डिजाइनिंग के थोड़े से भी गुण है तो इसे बतौर करियर अपना कर अच्छी कमाई कर सकते है। आज कई कंपनियां, कॉरपोरेट हाउस स्पेस मैनेज करने वालों को अच्छे पैकेज पर हायर कर रही है। यदि आप किसी ऑफिस में इंटरव्यू देने या व्यक्तिगत कार्य के सिलसिले में किसी से मिलने जाते है, तो उनसे अपने अंदर छिपी इस कला के बारे में बताएं। क्या पता, आपको ऑफिस स्पेस मैनेजमेंट से संबंधित किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका मिल जाए। ऑफिस स्पेस मैनेज कुछ ऐसे करना चाहिए, ताकि कर्मचारियों और विजिटर्स को ऑफिस में प्रवेश करते ही खुशनुमा अहसास कराए। साथ ही, लुक व फील से ऑफिस प्रोफेशनल भी लगे। मैनेजमें ट के तहत आने वाले अन्य महत्वपूर्ण कार्य : आरामदायक वातावरण बनाना- बतौर ऑफिस स्पेस मैनेजमेंट में विशेषज्ञता हासिल कर आप पर किसी भी ऑग्रेनाइजेशन, कंपनी या ऑफिस के खाली जगहों की सही सेटिंग कर उसे आरामदायक बनाने का जिम्मा भी होता है। रंगों से सजाना-ऑफिस में दीवारों व पदरें का रंग डल व फेडेड होने से कर्मचारी भी काम के प्रति ढीले-ढाले हो जाते है, इसलिए रंगों का चयन खिलाखि ला होना चाहिए, ताकि काम करने में मजा आए। बनायें ग्रीन जोन- सिटिंग अरेंजमेंट के आधार पर चाहें तो प्लांट्स और इनडोर पौधे लगाएं, जिससे ऑफिस का माहौल ग्रीन जोन में बदल जाए और वातावरण भी साफ-सुथरा लगे। हालांकि जहां इसमें करियर बनाने के स्कोप है, वहीं ऑफिस का बेहतर माहौल आपके लक्ष्यों व करियर को नया आयाम भी दे सकता है। नकारात्मकता को बाय-बाय- उस जगह पर पीठ करके न बैठें, जहां ढेर सारी आलमारियां रखी हुई हों क्योंकि इससे बैक स्टैबिंग और गॉसिप होने की संभावना काफी रहती है। इसलिए ऐसी जगह चुनें, जहां से सबकुछ साफ-साफ नजर आता हो। डेस्क पर गंदगी, धूल-मिट्टी होने से कार्यो के प्रति नकारात्मक विचार आते है, इसलिए आप जहां भी बैठते हों, उसकी साफ-सफाई खुद करें। बेकार के पेपर को डस्टबिन में ही डालें, कम्प्यूटर, कीबोर्ड पर जमी धूल लगातार साफ करते रहें। ऑफिस के माहौल को खुशनुमा बनाए रखें। बेकार के लड़ाई-झगड़े, बहस में पड़ने से आपके करियर को ही नुकसान पहुंच सकता है। ऑफिस की सभी लाइट्स ऑन व खिड़कियों को खुली रखें। चाहें तो एक्वेरियम, प्लांट्स, फूल और अपनी तस्वीर, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, क्लिपिंग, न्यूजपेपर आर्टिकल्स, लेटर ऑफ एप्रीसिएशन लगाएं, इससे माहौल जीवंत लगेगा। दरवाजे की तरफ चेहरा करके बैठें, क्योंकि यह ऊर्जा से भरपूर और लकी माना जाता है। मैनेजमेंट का करें सपोर्ट- अपने डेस्क के सामने थोड़ी-सी खुली जगह छोड़ें। डेस्क पर ढेर सारे फाइल्स, पेपर्स न रखें। आपके डेस्क के पीछे दीवार हो, तो माना जाता है कि मैनेजमेंट का सपोर्ट आपको पूरा मिलेगा। यदि आपको नाम, शोहरत और सफलता चाहिए तो अपने लेटर ऑफ एप्रीसिएशन, अवॉर्डस, सर्टिफिकेट्स ऑफिस के दक्षिण दीवार पर रेड फ्रेम में टांग दें। रेस्ट-रूम के करीब अपना डेस्क कभी भी न लगायें। इस बात का ध्यान रखें कि आपकी दीवार बाथरूम की दीवार से सटी न हो, इससे आपका करियर ग्राफ नीचे जा सकता है। पानी के जहाज की तस्वीर लगाएं, क्योंकि यह गुड लक को रिप्रजेंट करने के साथ धन और पावरफुल करियर भी लाता है। ऑफिस में हमेशा फ्रंट डोर से अंदर आएं, क्योंकि यह नई संभावनाओं व करियर लुक लाने के साथ अहसास कराता है कि आप भी कंपनी की एक अहम कड़ी है। जब भी कहीं इंटरव्यू या महत्वपूर्ण बिजनेस मीटिंग के लिए जाना हो, अपना लकी कलर जरूर पहनें। जिनका लकी नम्बर एक है, उन्हें नीला या काला रंग, 2, 5, 8 नम्बर वालों को मटमैला, पीला व टैन रंग, 3 लकी नम्बर वालों को भूरा, 4 लकी नम्बर वालों को हरा, 6 और 7 लकी नम्बर वालों को सफेद, पलर्, ऑफ-व्हइट और 9 नम्बर वालों को लाल रंग के कपड़े पहनने से करियर, जॉब में सफलता हासिल होती है। अंशुमाला बैठने के लिए ऐसी जगह चुनें, जहां से सबकुछ साफ-साफ नजर आता हो। डेस्क पर गंदगी, धूल-मिट्टी होने से कार्यो की निपटाने के दौरान नकारात्मकता हावी रहती है(राष्ट्रीय सहारा)।

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